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Women’s Day 2024: भारतीय सिक्कों में रही नारी के प्रेम, समर्पण और शौर्य की खनक, अब तक जारी किए जा चुके हैं 9 सिक्के

Women's Day 2024 Special : देश की नारी शक्ति ने धर्म-अध्यात्म से लेकर वीरता, शिक्षा-समाज और राजनीतिक क्षेत्र में अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान से खुद को साबित किया है। इन क्षेत्रों में अग्रणी रही महिलाओं के प्रेम-समर्पण और शौर्य की खनक देश के सिक्कों से सुनाई पड़ती है।

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दिनेश कुमार स्वामी, बीकानेर। देश की नारी शक्ति ने धर्म-अध्यात्म से लेकर वीरता, शिक्षा-समाज और राजनीतिक क्षेत्र में अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान से खुद को साबित किया है। इन क्षेत्रों में अग्रणी रही महिलाओं के प्रेम-समर्पण और शौर्य की खनक देश के सिक्कों से सुनाई पड़ती है। सिक्कों पर नाम और चित्र छपने का गौरव आयरन लेडी इंदिरा गांधी, गरीबों की मसीहा मदर टरेसा, प्रेम की प्रतिमूर्ति मीरा बाई, वीरांगना दुर्गावती जैसी दमदार महिलाओं को मिला है।



भारत सरकार ने अब तक 9 महिलाओं पर सिक्के जारी कर उनके योगदान को चिरस्थाई बनाने का कार्य किया है। इन्होंने वामा शक्ति की श्रेष्ठता के उदाहरण समाज, देश और काल में प्रस्तुत किए हैं। सिक्कों पर छपे यह चित्र और नाम हमारी समृद्ध नारी शक्ति की विरासत को नई पीढ़ी से रूबरू भी करवा रही हैं। मसलन, देश की आजादी के आंदोलन में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व करने वाली नागालैण्ड की क्रांतिकारी महिला रानी गाइदिन्ल्यू और अपने राज्य की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक युद्ध लड़ने वाली मध्यप्रदेश के गढ़मंडला की रानी दुर्गावती के किस्से आज भी सुनाए जाते हैं। देश की मुद्रा पर छपी इनकी तस्वीर वीरता और पराक्रम को चिरस्थाई बनाए हुए हैं।



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1. इंदिरा गांधी: पूर्व प्रधानमंत्री और देश में आयरन लेडी के नाम से पहचान बनाने वाली इंदिरा गांधी का वर्ष 1984 में निधन होने के अगले ही साल 1985 में भारत सरकार ने उनकी स्मृति में 50 पैसे का सिक्का आम चलन के लिए जारी किया। साथ ही 5, 20 और 100 रुपए के स्मारक सिक्कों का एक सेट जारी किया।


2. संत अल्फोंसा: केरल मूल की ईसाई शिक्षिका जिसे अपने अध्ययन और सेवा के लिए पहली महिला संत की उपाधि से भी नवाजा गया। वर्ष 2009 में संत अल्फोंसा की जन्म शताब्दी पर सरकार ने 100 और 5 रुपए मूल्य के स्मारक सिक्के जारी किए।


3. मदर टरेसा: भारत में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्थापक नोबल और भारत रत्न से सम्मानित मदर टरेसा की जन्म शताब्दी वर्ष 2010 में सरकार ने 100 और 5 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया।


4. बेगम अख्तर: बेगम अख्तरी बाई फैजाबादी को गजल गायकी के लिए सरकार पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है। वर्ष 2014 में सरकार ने उनकी जन्म शताब्दी पर 100 और 5 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया।


5. रानी गाइदिन्ल्यू: भारत की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के विरूद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया। समाज सेवा के क्षेत्र में 1982 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया। वर्ष 2015 में सरकार ने रानी गाइदिन्ल्यू की जन्म शताब्दी पर 100 और 5 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया।


6. डॉ. एमएस सुब्बुलक्ष्मी: पहली महिला संगीतकार, जिन्हें वर्ष 1974 में रेमन मैग्ससे पुरस्कार मिला। भारत रत्न से सम्मानित सुब्बुलक्ष्मी पर वर्ष 2016 में जन्म शताब्दी के अवसर पर 100 और 10 रुपए का स्मारक सिक्का जारी कर सम्मान किया।


7. विजयाराजे सिंधिया: भारतीय जनसंघ की संस्थापक सदस्य और ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया एक सफल राजनीतिज्ञ भी थी। उनकी जन्म शताब्दी वर्ष 2019 में सरकार ने 100 रुपए मूल्यवर्ग का स्मारक सिक्का जारी किया।


8. रानी दुर्गावती: गोडवंश की एक बहादुर रानी, जिसने मुगल बादशाह अकबर के सामने झुकने से इंकार कर दिया। अपने पति की मृत्यु के बाद मरते दम तक अपने राज्य की रक्षा के लिए लड़ी। रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती अवसर पर सरकार ने वर्ष 2023 में 500 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया।


9. मीरा बाई: भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और प्रेम के लिए विश्व विख्यात मीरा बाई धर्म और अध्यात्म की प्रतिमूर्ति है। उनके 525वें जन्मोत्सव पर 2023 में सरकार ने देश का पहला 525 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया।



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जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की रजत जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 2012 में भारत सरकार ने वैष्णोदवी के फोटो वाले 25, 10 और 5 रुपए के सिक्के जारी किए।





सिक्कों का संग्रह और अध्ययनकर्ता एक्सपर्ट सुधीर लुणावत ने बताया कि सिक्के पर छपी महिला शक्ति को देखकर हर भारतीय गौरव का अनुभव करता है। यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत्र और समानता की सोच को पनपाने का काम करती है। सिक्कों पर छपी ऐसी दस नारी शक्ति इतिहास में भी अपना अहम स्थान रखती है। रानी लक्ष्मी बाई, अहिल्या बाई होल्कर, सावित्री बाई फुले, साध्वी कनक प्रभा और करणी माता को भी सिक्कों पर स्थान देना चाहिए।


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