
गंगाशहर हॉस्पिटल
गंगाशहर. उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर में एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध राजकीय अस्पताल अब संवरेगा। यहां आउटडोर, लेबर रूम, प्री व पोस्ट लेबर वार्ड एवं नर्सरी बनाई जा रही है। इन कार्यों पर सांसद कोटे से 30 लाख और विधायक सिद्धिकुमारी के कोटे से 19 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
साथ ही अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरणों और अन्य सुविधाओं पर गंगाशहर नागरिक परिषद, कोलकाता (गंगाशहर इकाई) की ओर से खर्चा किया जाएगा। इन दिनों अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा है। गंगाशहर अस्पताल में अगले साल से आमजन को सभी सुविधाएं मुहैया होने लगेंगी।
राज्य सरकार ने गंगाशहर अस्पताल को एसपी मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया है। कॉलेज प्रशासन यहां व्यवस्था करने के साथ बजट के प्रस्ताव भी बनाएगा और सरकार को भेजेगा। हाल ही चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय जयपुर ने कॉलेज प्रशासन को पत्र भेजकर गंगाशहर अस्पताल का बजट प्रस्ताव भेजने की हिदायत भी दी थी। कॉलेज प्रशासन बजट प्रस्ताव बनाने में जुटा हुआ है।
पीबीएम का भार होगा कम
गंगाशहर अस्पताल में वर्ष 1963 से वर्ष 1972 तक प्रसव की सुविधा थी, लेकिन इसके बाद यह सुविधा बंद कर दी गई। इस कारण उपनगरीय क्षेत्र के भीनासर, श्रीरामसर, सुजानदेसर, किसमीदेशर, गंगाशहर, उदयरामसर सहित निकटवर्ती गांवों की प्रसूताएं पीबीएम अस्पताल पहुंचने लगी। इससे पीबीएम के जनाना अस्पताल में भार बढ़ गया। अब हालत यह है कि जनाना अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक होने के बावजूद वे प्रसव तक ही सीमित रह गई हैं।
800 से अधिक ओपीडी
जानकारों का कहना है कि वर्ष 2000 में गंगाशहर अस्पताल को क्रमोन्नत कर सैटेलाइट अस्पताल बनाने की मांग उठाई गई। गंगाशहर नागरिक परिषद, कोलकाता (गंगाशहर इकाई) सहित विभिन्न संगठनों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन भेजे, लेकिन अस्पताल क्रमोन्नत नहीं हुआ।
हालांकि सरकार ने इसे एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया और स्टाफ व चिकित्सक नियुक्त कर दिए। इससे आमजन को काफी राहत मिली है। वर्तमान में अस्पताल का रोजाना का ओपीडी 800 से एक हजार तक है।
Published on:
27 Nov 2017 10:31 am
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