
नगर निगम
बीकानेर . नगर निगम एवं नगर विकास न्यास के क्षेत्रों में व्यावसायिक और आवासीय निर्माण कार्यों में सेटबैक के नियमों की अनदेखी की जा रही है। सेटबैक के नियमों को ताक में रखकर नियम विरुद्ध हो रहे अवैध निर्माण को निगम एवं न्यास अधिकारियों की ओर से खुला संरक्षण मिल रहा है।
इस कार्य में विधि प्रावधानों और मास्टर प्लान को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। शहर में दर्जनों ऐसी व्यावसायिक बिल्डिंग हैं, जिनमें सेटबैक के प्रावधान की धज्जियां उड़ रही हैं। सेटबैक नहीं छोड़कर, उस जमीन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।
होटल, निजी अस्पताल, व्यावसायिक बिल्डिंग, आवासीय भवनों में नियमानुसार आगे, पीछे व साइड में छोड़ी जाने वाली जमीन सेटबैक की अनदेखी और सेटबैक की जगह नियम विरुद्ध निर्माण के बाद भी संबंधित अधिकारी चुप्पी साधे हैं।
नगर निगम की ओर से तो नियम विरुद्ध निर्माण कार्यों को संरक्षण देने के लिए अण्डरटेकिंग की व्यवस्था तक की हुई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के अतिक्रमण को संरक्षण बयान के बाद निगम एवं न्यास के अधिकारी नियम विरुद्ध निर्माण कार्यों का और संरक्षण करने में गुरेज नहीं कर रहे है।
सेटबैक अनिवार्य
नगर निगम एवं नगर विकास न्यास में डीटीपी का कार्य देख रहे समुन्द्र सिंह का कहना है कि आवासीय एवं व्यावसायिक भूखण्ड़ों में सेटबैक को लेकर स्पष्ट प्रावधान है। जिन भूखण्ड़ों में जरूरी है, उनमें सेटबैक रखना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो नियमन, एकीकरण और भू उपयोग परिवर्तन के कार्य नहीं होंगे।
एकीकृत भवन विनिमय-2017 में 90 वर्गमीटर साइज तक के भूखण्ड के लिए शून्य सेटबैक है। इससे अधिक साइज के सभी आवासीय एवं व्यावसायिक भूखण्डों पर सेटबैक का नियम लागू होता है। सेटबैक भूखण्ड के साइज, सड़क की चौड़ाई, भवन की ऊंचाई के आधार पर निर्भर होगा। सेटबैक की जगह पर अगर निर्माण कार्य होता है तो वह अवैध निर्माण ही माना जाता है।
अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत
प्रावधानों में सेटबैक अनिवार्य होने के बावजूद निगम और न्यास के अधिकारी-कर्मचारी इस आेर जानबूझकर आंखे बंद कर बैठे हुए हैं। व्यावसायिक बिल्डिंग, होटल, भवन आदि प्रभावशाली एवं रसूखदार लोगों के होने से सेटबैक नहीं होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। यह निगम व न्यास अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यशैली पर शंका के साथ उनकी मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
एक्ट में प्रावधान नहीं
जिस अण्डरटेकिंग के नाम पर नगर निगम शहर में नियम विरुद्ध निर्माण कार्यों के संरक्षण में जुटा है, उस अण्डरटेकिंग का प्रावधान नगर पालिका अधिनियम में ही नहीं है। न्यायालय व उच्च अधिकारी भी अण्डरटेकिंग के आधार पर निर्माण अनुमति पर आपत्ति जता चुके हैं, लेकिन निगम इस आधार पर निर्माण अनुमति देने में जुटा हुआ है। निगम पार्षद भी सदन में अण्डरटेकिंग के आधार पर निर्माण अनुमति को विधि प्रावधानों के विपरीत बता चुके हैं।
नहीं करवा रहे नियमों की पालना
नगर निगम एवं नगर विकास न्यास के अधिकारी सेटबैक के नियमों की पालना नहीं करवा पा रहे हैं। भूखण्ड के जिस भाग पर सेटबैक होना चाहिए, वहां नियम विरुद्ध निर्माण कार्य हो रहे हैं। आवासीय क्षेत्रों में बिना भू उपयोग परिवर्तन के व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। निगम में अण्डरटेकिंग के आधार पर निर्माण स्वीकृति का खुला खेल चल रहा है।
आदर्श शर्मा, पार्षद, नगर निगम बीकानेर
Published on:
27 Nov 2017 09:23 am
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