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हिरणा-कृष्णा गोविंदा प्रहलाद भजे

नृसिंह जयंती पर शहर में हुआ लीलाओं का मंचन: मंदिरों में जागरण, बही भक्ति रस की धारा

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हिरणा-कृष्णा गोविंदा प्रहलाद भजे

हिरणा-कृष्णा गोविंदा प्रहलाद भजे

हिरणा किसना गोविन्दा प्रहलाद भजै, राधे कृष्णा-गोपाल कृष्णा के स्वरों की गूंज गुरुवार को शहर के गली-मोहल्लों में रही। नृसिंह चतुर्दशी पर शहर में विभिन्न स्थानों पर नृसिंह अवतार लीला का मंचन हुआ। नृसिंह मंदिरों में अलसुबह से शुरु हुआ अभिषेक, पूजन, श्रृंगार, आरती और दर्शनों का क्रम रात तक चलता रहा। नृसिंह मंदिर जयकारों से गूंजते रहे। शाम को नृसिंह मंदिरों के आगे नृसिंह अवतार लीला का मंचन हुआ। सूर्यास्त के समय अधर्म के प्रतीक रुप में हिरण्यकश्यप का प्रतीकात्मक वध हुआ। अवतार आरती हुई। पंचामृत और कसार प्रसाद का वितरण हुआ। रात्रि में जागरण हुए।

इन स्थानों पर लीला मंचन
शहर में डागा चौक, लखोटिया चौक, लालाणी व्यास चौक, दुजारी गली, दम्माणी चौक, रघुनाथसर कुआ के पास, नथानी सराय, नत्थूसर गेट के बाहर, फरसोलाई तलाई और गोगागेट के बाहर नृसिंह अवतार लीला का मंचन हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में शहरवासी लीला मंचन स्थलों पर मौजूद रहे।

हिरण्यकश्यप ने फिर भरी हुंकार
नृसिंह चतुर्दशी पर शहर में एक बार फिर हिरण्यकश्यप ने हुंकार भरी। लीला मंचन कलाकारों ने हिरण्यकश्यप स्वरुप धारण किया। सिर पर काला मुखौटा, मुखौटे पर दो सिंग, काले कपड़े और एक हाथ में कौडा लिए हिरण्यकश्यप ने लोगों को डराया-धमकाया। कौडे का वार किया। लीला मंचन स्थल पर बाल स्वरुप भक्त प्रहलाद को भी डराया। नृसिंह अवतार के दौरान भगवान नृसिंह को भी चुनौती दी।

नृसिंह-हिरण्यकश्यप में युद्ध
अवतार लीला मंचन के दौरान नृसिंह-हिरण्यकश्यप में युद्ध हुआ। सूर्यास्त के समय भगवान नृसिंह ने अधर्म के प्रतीक रुप में हिरण्यकश्यप का प्रतीकात्मक वध किया। पूरा माहौल भगवान नृसिंह के जयकारों से गूंज उठा। लोगों ने खुशियां मनाई। नृसिंह अवतार की आरती हुई। पंचामृत प्रसाद का वितरण हुआ।

मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
नृसिंह चतुर्दशी पर शहर के नृसिंह मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से ही मंदिरों में दर्शन-पूजन का क्रम शुरु हो गया। कई मंदिरों में मध्याह्न के समय पंचामृत अभिषेक का आयोजन हुआ। नृसिंह अवतार के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में दर्शनों के लिए पहुंचे।