
विधानसभा: विधायक बिश्नोई ने रखी क्षेत्र की समस्याएं
बीकानेर. राजस्थान विधानसभा में नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने बजट अभिभाषण चर्चा में भाग लिया और प्रदेश व क्षेत्र की महत्वपूर्ण मांगें रखी। बजट पर प्रतिक्रिया विषयक बहस में भाग लेते हुए बिश्नोई मंगलवार को सदन में जमकर बरसे और महत्वपूर्ण विषयों की अनदेखी पर सरकार को आड़े हाथ लिया। बिश्नोई ने राज्य के परिवर्तित बजट को महज घोषणाओं का पुलिंदा बताते हुए सवाल किया कि क्या योजनाओं का नाम बदलना ही आपकी सरकार के विकास का रोडमैप है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ कर्जमाफी व संविदाकर्मियों के स्थायीकरण का छलावा करके सत्ता में आई गहलोत सरकार सत्ता संभालते ही वादों से मुकर गई।
बिश्नोई ने कहा कि अपने जनघोषणा-पत्र को सरकारी दस्तावेज मानकर काम करने वाली सरकार बताए कि बिजली की दरें नही बढ़ाने का वादा कर भी दरें क्यों बढ़ार्ई? उन्होंने आंगनबाड़ी कार्मिकों के लिए बजट में की मानदेय बढ़ोतरी पर कहा कि यह निर्णय तो केंद्र सरकार ने बहुत पहले कर दिया था, आपने तो इसे 7 माह तक रोककर रखा है। उन्होंने राजस्थानी भाषा को द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग करते हुए कहा, 'यह हम करोड़ों राजस्थानियों के स्वाभिमान की बात है और इसे गहलोत साहब को इस बजट में रखना चाहिए था।
संंवेदनहीनता की पराकाष्ठा
बिश्नोई ने प्रदेश में लगातार हो रही बलात्कार की घटनाओं पर सरकार का ध्यान खींचते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति सरकार का रवैया संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को लांघ गया है। बीकानेर जिले के बरजांगसर में उप-स्वास्थ्य केंद्र के भवन की स्वीकृति के लिए 5 रोज से आमरण अनशन पर बैठी महिला सरपंच की सरकार अनदेखी कर रही है, वह गलत है।
बदले की भावना से काम नहीं हो
विश्नोई ने मुख्यमंत्री गहलोत से पूछा, 'आप जोधपुर से आते हैं, जहां पेड़ों की रक्षा के लिए 363 लोगों ने कुर्बानी दी थी। उस शहादत स्थल खेजड़ली को तो विश्व धरोहर में सम्मिलित करने की घोषणा करते तो अच्छा होता। राजधानी में 50 करोड़ की लागत से गांधी स्मारक बनाने की बात कही, लेकिन इसी नगर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में 12 करोड़ के प्रस्तावित स्मृति-स्थल को निरस्त करने का निर्णय भी लिया। इस तरह बदले की भावना से काम नहीं करना चाहिए।
Published on:
17 Jul 2019 10:20 am
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