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लॉटरी निकाल कर भूखण्ड दिए, नहीं मिले दस साल बाद भी पट्टे

राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे वितरित कर अपनी पीठ थपथपा रही है। परन्तु बीकानेर में सैकड़ों ऐसे गरीब परिवार है जिनको सालों पहले भूखण्ड आवंटित कर दिए गए लेकिन आज तक सरकार ने पट्टे नहीं दिए। वर्ष 2013 से यह परिवार पट्टों का इंतजार कर रहे है।

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लॉटरी निकाल कर भूखण्ड दिए, नहीं मिले दस साल बाद भी पट्टे

लॉटरी निकाल कर भूखण्ड दिए, नहीं मिले दस साल बाद भी पट्टे

विमल छंगाणी

राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे वितरित कर अपनी पीठ थपथपा रही है। परन्तु बीकानेर में सैकड़ों ऐसे गरीब परिवार है जिनको सालों पहले भूखण्ड आवंटित कर दिए गए लेकिन आज तक सरकार ने पट्टे नहीं दिए। वर्ष 2013 से यह परिवार पट्टों का इंतजार कर रहे है। दस साल में प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकार रह चुकी है। दर्जनों ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन के बाद भी यह घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु और विमन्तु जातियों के परिवार पट्टे के लिए भटक रहे है। नगर विकास न्यास ने भूखण्ड आवंटित किए थे।

10 हजार आवेदन, 2 हजार पात्र परिवार

घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु और विमन्तु जातियों के परिवारों के लिए सालों से संघर्ष कर रहे एडवोकेट जयनारायण व्यास के अनुसार मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2012 में इन जातियों को जमीन आवंटन के लिए आदेश जारी किए थे। नगर विकास न्यास ने भूखण्ड आवंटन के लिए आवेदन मांगे। कमेटी बनी, पात्र परिवारों का चयन किया गया। करीब दो हजार परिवार पात्र माने गए। 2 अक्टूबर 2013 को यूआईटी ने लॉटरी निकाली। उस समय 488 पात्र परिवारों को प्लॉट नंबर भी आवंटित कर दिए गए। शेष को प्लॉट नंबर भी आज तक नहीं दिए गए। दस साल बाद भी पात्र परिवारों को न्यास की ओर से पट्टे जारी नहीं किए गए हैं।

यहां आवंटित की भूमि

एडवोकेट व्यास के अनुसार न्यास ने बीछवाल थाने से आगे चक 496-150 आरएलडी की मुरब्बा नंबर 135/41 में 25 बीघा जमीन इन जातियों के आशियानों के लिए आरक्षित की थी। उस समय इस जमीन पर करीब 1600 प्लॉट की योजना बनाई गई। अब तक किसी भी आवंटी को आशियाना बनाने के लिए पट्टा जारी नहीं किया है।

हर सरकार में गुहार, किसी ने नहीं सुनी पुकार

घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु और विमन्तु जातियां में भाट, बंजारा, कालबेलिया, सपेरा, साठिया, कंजर, बावरी, बाजीगर, नायक, गाडिया लोहार आदि गरीब और मजदूरी करने वाले भूमिहीन परिवार है। पिछले दस साल से आशियानों के अधिकार के लिए यह लोग गुहार लगा रहे है। लॉटरी व प्लॉट आवंटन के समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इसके बाद पांच साल तक भाजपा की सरकार रही। वर्ष 2018 से अब तक फिर से कांग्रेस की सरकार है। इन सरकारों के कार्यकाल में पात्र परिवार धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन, मंत्रियों, अधिकारियों के आगे गुहार लगाते रहे है। किसी ने अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जमीन की कीमत बढ़ने से अब न्यास पट्टे जारी करने से हिचकिचा रहा है।

अब वोट के समय भी याद नहीं कर रहे

दस साल पहले जमीन आवंटित होने के बाद अब तक पट्टें नहीं मिलने से घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु और विमन्तु जातियों के परिवारों में रोष है। एडवोकेट जय नारायण व्यास के अनुसार इस बार भी आचार संहिता से पहले पट्टे जारी नहीं हुए तो करीब दो हजार घुन्तु परिवार बड़ा आंदोलन करेंगे। चुनाव के समय भी सुनवाई नहीं होगी तो फिर उम्मीद करना ही बेमानी है।

न्यास की मंशा नहीं

पिछले दस सालों से घुमन्तु, अर्द्ध घुमन्तु और विमन्तु जातियों के सैकड़ों परिवार आवंटित प्लॉट के पट्टों के लिए संघर्ष कर रहे है। न्यास प्रशासन गौर नहीं कर रहा है। ऐसा लग रहा है न्यास की पट्टे देने की मंशा नहीं है। अब चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।

एडवोकेट जयनारायण व्यास, संयोजक जन किसान पंचायत