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पुलिस के ‘ऑपरेशन मिलाप’ का हुआ असर, पांच बच्चों को मिला उनका घर-परिवार

लापता बच्चों की तलाश और बाल श्रमिकों, बंधुआ मजदूर व भिक्षावृत्ति उन्नमूलन के लिए चार दिन से 'ऑपरेशन मिलाप' अभियान चलाया जा रहा है। चार दिनों में पुलिस ने पांच बच्चों का परिजनों से मिलवाया।

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सतना

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Anushree Joshi

May 19, 2017

operation milaap

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पुलिस महकमे की ओर से लापता बच्चों की तलाश और बाल श्रमिकों, बंधुआ मजदूर व भिक्षावृत्ति उन्नमूलन के लिए चार दिन से 'ऑपरेशन मिलाप' अभियान चलाया जा रहा है। चार दिनों में पुलिस ने पांच बच्चों का परिजनों से मिलवाया।

वहीं भीख मांगने व कचरा बीनने वाले बच्चों के माता-पिता से बंधक-पत्र भरवाकर उन्हें सौंप दिया गया।बाल कल्याण समिति की ओर से 15 मई को कविता नाम की गुमशुदा 16 वर्षीय किशोरी को मेदिनीपुर पश्चिम बंगाल में पुनर्वास के लिए पुलिस अभिरक्षा में रवाना किया गया।

16 मई को मानव तस्करी विरोधी इकाई ने तीन बालकों को भीख मांगते हुए पकड़ा, जिन्हें 17 मई को उनके माता-पिता को बन्धक-पत्र भरवा कर सौंपा। 18 मई को एक भीख मांगने वाले व एक कचरा बीनने वाले बच्चे को उनके पिता से बन्धक-पत्र भरवा कर सौंपा गया। बाल श्रमिक ने खुद को 5वीं कक्षा का छात्र बताया।

बाल श्रमिक मुक्त कराए

बस स्टैंड पुलिस चौकी प्रभारी एसआई हरबंश सिंह ने गुरुवार को ही करणीनगर क्षेत्र स्थित मारुति ऊन फैक्ट्री में काम कर रहे बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

मानव तस्करी यूनिट प्रभारी सुनील चारण ने निजी बस स्टैंड के पास एक चाय की होटल पर काम करने वाले बाल श्रमिक को मुक्त कराया। इसके अलावा कोटगेट थाना पुलिस ने भी एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया।

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