20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शहर का दिल खुल कर लेगा सांस

राहत- सांखला और कोटगेट रेल फाटक पर 35 करोड़ से होगा समाधान ट्रेन आती थी, तो दो हिस्सों में बंट जाता था जनजीवन दशकों पुरानी बार-बार यातायात जाम की समस्या से शहरवासियों को मिलेगी मुक्ति

3 min read
Google source verification
शहर का दिल खुल कर लेगा सांस

शहर का दिल खुल कर लेगा सांस

शहर के ह्दय स्थल कोटगेट पर दशकों से चल रही रेल फाटक की समस्या के समाधान का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राज्य सरकार ने कोटगेट रेल फाटक और सांखला रेल फाटक पर कोयला गली से मटका गली तक रेलवे अंडरपास बनाने की घोषणा की है। दोनों स्थानों पर 35 करोड़ की लागत से आरयूबी-अंडरपास बनेंगे। इसके लिए रेल प्रशासन जीएडी को स्वीकृति प्रदान कर चुका है। आरयूबी के लिए डीपीआर पहले ही बन चुकी है। अब सरकार की ओर से इस कार्य को करवाने के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त करनी है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। यूआईटी की ओर से इसके लिए राज्य सरकार को 35 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भी भेजा गया था।

होगी भूमि अधिग्रहीत, हटेंगे कुछ निर्माण

आरयूबी निर्माण के लिए अब भूमि अधिग्रहित होगी। आरयूबी निर्माण के दौरान जो निर्माण बीच में आते हैं, उनको हटाया जाएगा।

40 से 45 बार बंद, यातायात जाम

कोटगेट और सांखला फाटक के पास आरयूबी का निर्माण हो जाने के बाद इन दोनों स्थानों पर यातायात जाम की समस्या से शहरवासियों को राहत मिलेगी। लोग आरयूबी के माध्यम से निर्बाध रूप से निकल सकेंगे। वर्तमान में सुबह से रात तक कई बार रेल फाटकों के बंद होने से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। घंटों खराब होते है। दोनों रेल फाटकों पर रेल के आवागमन के कारण दिन में 40 से 45 बार फाटक बंद होते है, जिसके कारण सड़क पर यातायात जाम हो जाता है।

प्रयास लाए रंग

सांखला फाटक व कोटगेट रेल फाटक की समस्या के समाधान के लिए स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधि, रेल, जिला प्रशासन, यूआईटी, आरयूआईडीपी के अधिकारी सतत रूप से जुटे रहे। हालांकि इस समस्या के समाधान में कई रुकावटें आईं, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन भी हुए। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल और डीआरएम राजीव श्रीवास्तव लगातार प्रयासरत रहे।

बाइपास से आरयूबी तक : तीसरे विकल्प ने लिया आकार

रेल फाटकों की समस्या के स्थाई समाधान के लिए दशकों से जनप्रतिनिधि, व्यापारी, अधिकारी और शहरवासी प्रयासरत रहे है। इस समस्या की गूंज जयपुर से दिल्ली तक रही है। इस समस्या के समाधान के लिए शासन-प्रशासन और रेलवे विभाग की ओर से तीन विकल्प तलाशे गए।

पहला विकल्प : वर्ष 2003-04 में आरयूआईडीपी की ओर से सर्वे करवाकर 26.43 किमी लंबाई की रेलवे बाईपास प्रस्तावित किया गया था। रेलवे की ओर से प्रस्तावित बाईपास लाइन पर पूर्ण ट्रैफिक डायवर्ट नहीं होने के कारण रेल बाईपास का प्रस्ताव रेल्वे बजट से निरस्त किया गया था।

दूसरा विकल्प : नगर विकास न्यास ने वर्ष 2012-13 में कोटगेट एलसी नंबर 140 पर रेलवे की सैद्धांतिक स्वीकृति से आरयूबी प्रस्तावित किया था, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विरोध के कारण यह कार्य नहीं हो सका।

हाईकोर्ट में पीएलआई पर एनएचआई को पाबंद किया गया व प्रकरण को राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड जयपुर को स्थानांतरित किया गया। राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड जयपुर की ओर से ऐलिवेटेड रोड की एनआईटी जारी की गई। जिस पर हाईकोर्ट जोधपुर ने स्थगन आदेश दे दिया।

तीसरा विकल्प : सांखला फाटक रेलवे क्रॉसिंग के समीप रेलवे अण्डरपास व कोटगेट फाटक पर रेलवे अण्डरब्रिज प्रस्तावित किया गया । नगर विकास न्यास की ओर से डीपीआर बनाई गई। दोनों स्थानों पर बनाए जाने वाले आरयूबी के कार्य की जीएडी न्यास की ओर से तैयार करवाकर स्वीकृति के लिए मण्डल रेल प्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर को भिजवाई गई। न्यास की ओर से राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाया गया, जिसकी स्वीकृति व बजट की स्वीकृति सरकार ने जारी कर दी है।

समस्या का होगा समाधान, राह होगी आसान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बीकानेर का विशेष ध्यान रखते हुए यहां की सबसे पुरानी समस्या के समाधान की राह आसान की है। 35 करोड़ रुपए की लागत से सांखला फाटक रेलवे क्रॉसिंग के पास रेलवे अंडरपास और कोटगेट रेलवे फाटक पर रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इससे प्रतिदिन गुजरने वाले लाखों लोगों का परिवहन सुलभ होगा तथा समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी। अण्डरपास व आरयूबी की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार।

डॉ. बी डी कल्ला, शिक्षा मंत्री, राजस्थान।