सिंचित क्षेत्र विकास विभाग को राज्य सरकार ने खाळों के निर्माण मद में चालू वित्तीय वर्ष में ४० करोड़ के काम स्वीकृत किए थे। ये काम सीएडी ने तीन माह में पूरे कर दिए। अभी सीएडी के पास बजट के अभाव में कोई काम नहीं चल रहा। श्रीगंगानगर, सूरतगढ़ और हनुमानगढ़ में पुराने कामों का भुगतान नहीं होने से ठेकेदारों ने नए टेण्डरों का बहिष्कार कर रखा है। इन स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने खाळों के निर्माण मद में बजट जारी किया है। इससे पहले भी राज्य सरकार २०१७-१८ में खाळों के निर्माण मद में ३५ करोड़ तथा चालू वर्ष में ४० करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे।
खाळों के निर्माण के प्रोजेक्ट में हमेशा से ही केन्द्रीय सहायता रहती है। मार्च २०१७ से केन्द्र सररकार ने सभी योजना में धन स्वीकृति निरस्त कर दी। पहले ५० प्रतिशत राशि राज्य की तथा ५० प्रतिशत केन्द्र सरकार की ओर से दी जाती रही है। केन्द्र ने देश भर में ९९ प्रोजेक्ट को छोड़कर देश में ऐसे सभी प्रोजेक्ट र² कर दिए। ये पुराने प्रोजेक्ट नई योजना ईएसबीजी में तय मापदण्डों के आधार पर नए सिरे से स्वीकृत किए जाएंगे। इसी कारण धन की कमी रही। अब नए सिरे से नहरों क्षेत्र में खाळों के निर्माण की १८८० करोड़ की योजना प्रस्तावित है।
मिला बजट
सिंचित क्षेत्र विकास विभाग को खाळों के निर्माण मद में राज्य सरकार ने गुरुवार को ही ६० करोड़ की स्वीकृति दी है। इस बजट से चालू वित्तीय वर्ष के काम पूरे हो जाएंगे। इस राशि से पुराना बकाया का भूगतान कर दिया जाएगा तथा नए टेण्डर के काम चालू कर दिए जाएंगे।
विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता सीएडी बीकानेर
सिंचित क्षेत्र विकास विभाग को खाळों के निर्माण मद में राज्य सरकार ने गुरुवार को ही ६० करोड़ की स्वीकृति दी है। इस बजट से चालू वित्तीय वर्ष के काम पूरे हो जाएंगे। इस राशि से पुराना बकाया का भूगतान कर दिया जाएगा तथा नए टेण्डर के काम चालू कर दिए जाएंगे।
विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता सीएडी बीकानेर