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बालकनी में झूल रही आमजन की शिकायतें, आखिर कब होगी सुनवाई

शहर में धड़ल्ले से नियम विरुद्ध निर्माण हो रहे हैं और अवैध रूप से बालकनियां भी बनाई जा रही हैं।

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शिकायतें

बीकानेर . शहर में धड़ल्ले से नियम विरुद्ध निर्माण हो रहे हैं और अवैध रूप से बालकनियां भी बनाई जा रही हैं। पुराने शहर से बाहरी क्षेत्रों तक की कॉलोनियों में नियम विरुद्ध निर्माण के बावजूद नगर निगम एवं नगर विकास न्यास के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। निगम और न्यास की ओर से अवैध बालकनी बनाने वालों के न तो भवन सीज किए जा रहे हैं और ना ही बालकनी तोड़ी जा रही हैं।

अत्यधिक दबाव की स्थिति में महज नोटिस देकर इतिश्री कर ली जाती है। आमजन इसकी शिकायतें भी करते हैं, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी अप्रत्यक्ष रूप से अवैध रूप से बालकनी बनाने वालों को संरक्षण दे रहे है। इससे शिकायतकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकारी जमीन की ओर

भवन की पट्टे में दर्ज भूमि से बाहर बालकनी निकालने की अनुमति को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद सरकारी जमीन की ओर बालकनी का निर्माण किया जा रहा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के अतिक्रमण को संंरक्षण देने बयान के बाद तो अवैध निर्माण को जैसे पंख ही लग गए हैं।

उठ रहे सवाल
वैसे तो अवैध निर्माण की सूचना निगम को अपने कार्मिकों के माध्यम से तुरंत मिल जानी चाहिए, लेकिन ऐसा बहुत कम हो रहा है। अधिकतर शिकायतें आमजन के माध्यम से निगम तक पहुंच रही हैं। ऐसे में गली, मोहल्लों और कॉलोनियों तक अपनी पकड़ रखने वाले निगम कार्मिकों की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है।

हर माह शिकायतें
बताया जा रहा है कि अवैध रूप से बन रही बालकनियों की हर माह करीब एक दर्जन शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन इस अनुपात में निगम संबंधित भवन को सील करने या बालकनी तोडऩे की कार्रवाई नहीं कर रहा है।

छज्जे की आड़ में निर्माण
नगर निगम क्षेत्र में सड़क की ओर छज्जा निर्माण की आड में धड़ल्ले से अवैध बालकनियों का निर्माण हो रहा है। इसके निगम लिखित में तो कोई अनुमति नहीं दे रहा, लेकिन निर्माण स्वीकृति के दौरान प्रस्तुत अधिकतर फाइलों में छज्जा निर्माण की स्वीकृति मांगी जा रही है। निगम इसकी स्वीकृति दे रहा है, लेकिन अधिकतर मौके पर निर्माण की वैधता की जांच नहीं करता है। इस वजह से छज्जे निर्माण की स्वीकृति के आधार पर जगह-जगह अवैध रूप से बालकनियों निकाली जा रही हैं।