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इस राजमार्ग पर खतरनाक मोड़ बन रहे हादसों का कारण

प्रशासन ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को लिखा पत्र, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं

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इस राजमार्ग पर खतरनाक मोड़ बन रहे हादसों का कार्रवाई

इस राजमार्ग पर खतरनाक मोड़ बन रहे हादसों का कार्रवाई

महाजन. कस्बे के बीच से गुजरने वाले राजमार्ग संख्या 62 पर कई खतरनाक मोड़ जानलेवा साबित हो रहे हैं। महाजन से लूणकरनसर के बीच इन जानलेवा मोड़ों को दुरुस्त कर राजमार्ग को सही करवाने के लिए तहसील प्रशासन ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को करीब चार माह पूर्व लिखा था, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही।
गौरतलब है कि महाजन से लूणकरनसर के बीच राजमार्ग पर चार-पांच मोड़ खतरनाक होने से ये जानलेवा साबित हो रहे है। इस राजमार्ग पर टोल व्यवस्था शुरू करने के बाद हालांकि सड़क को दुरुस्त कर नवीनीकरण तो कर दिया, लेकिन खतरनाक मोड़ सहीं नहीं करने से हादसे बढ़ते जा रहे हैं। सड़क का सुधार हो जाने से इस राजमार्ग पर वाहनों की गति बढ़ी ह, जिससे मोड़ों पर हादसे की बढ़ गए है।

ये हुए हादसे
इस वर्ष 25 जनवरी को महाजन से मोखमपुरा के बीच एक खतरनाक मोड़ पर बोलेरो कैम्पर व ट्रेलर की आमने सामने हुई जबरदस्त टक्कर में बारात से वापस लौट रहे सवार तीन युवकों की मौत हो गई थी। वहीं मार्च में इसी जगह एक निजी बस व कार की टक्कर होने से एक व्यक्ति हादसे का शिकार हो गया था। महाजन उप तहसील कार्यालय के सामने राजमार्ग पर खतरनाक मोड़ पर भी बीते सालों में कई गंभीर हादसे हो जाने से पांच-सात लोगों की मौत हो चुकी है।

इन स्थानों को किया था चिन्हित
महाजन उप तहसीलदार मदन सिंह यादव ने राजमार्ग पर खतरनाक मोड़ चिन्हित कर इन्हें सही करवाने के लिए पत्राचार किया था। उपतहसील कार्यालय के अनुसार उप तहसील कार्यालय से 100 मीटर दूर सूरतगढ़ की तरफ घुमावदार मोड़, महाजन कस्बे से पांच किमी दूर लूणकरणसर की तरफ स्लोपदार मोड़, कस्बे से 9 किमी दूर मोखमपुरा बस स्टैंड से 50 मीटर आगे लूणकरनसर की तरफ मोड़ खतरनाक साबित हो रहे है। इन मोड़ों के कारण कई हादसे हो जाने से लोगों की जानें जा चुकी है। उपतहसीलदार यादव ने इन सभी चिन्हित मोड़ों को दुरुस्त करवाकर राजमार्ग पर होने वाले गंभीर हादसों को रोकने के लिए उपखण्ड अधिकारी कार्यालय को पत्राचार किया था।उपखण्ड कार्यालय ने इन पत्रों का हवाला देते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र भेजकर मोड़ सुधार के लिए कार्रवाई करने को लिखा था, लेकिन आज तक इन मोड़ों को दुरस्त करने के प्रति कार्रवाई दिखाई नहीं देती।