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उदयपुर के बाद अब पूर्व बीकानेर राजपरिवार में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराया मामला

बीकानेर में पूर्व रियासत की संपत्तियों से जुड़े विवाद को लेकर बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया गया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

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Dispute over property in former Bikaner royal family

बीकानेर। बीकानेर में पूर्व रियासत की संपत्तियों से जुड़े विवाद को लेकर राज्यश्री कुमारी, मधूलिका कुमारी, ट्रस्ट से जुड़े हनुवंत सिंह और गोविन्द सिंह के खिलाफ चार ट्रस्टों की संपत्तियां खुद-बुर्द करने का आरोप लगाते हुए बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया गया है। मामला चारों ट्रस्टों के ट्रेजरार संजय शर्मा ने दर्ज कराया है।

पुलिस के अनुसार महाराजा गंगासिंह जी ट्रस्ट, करणी चैरिटेबल फन्ड्स ट्रस्ट, करणीसिंह फाउन्डेशन ट्रस्ट तथा महारानी श्री सुशीलाकुमारी जी रिलीजियस एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं ट्रेजरार संजय शर्मा ने रिपोर्ट में बताया कि चारों सार्वजनिक ट्रस्ट पूर्व महाराजा डॉ. करणीसिंह ने जनकल्याण के विभिन्न उद्देश्यों से स्थापित किए गए थे। चारों ट्रस्ट देवस्थान विभाग बीकानेर में पंजीबद्ध है । इसलिए राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का उक्त ट्रस्टों के रिकॉर्ड में नाम संशोधित कर दर्ज करवाए जाने की कार्रवाई चेयरपर्सन सिद्धिकुमारी की ओर से की गई।

उनके द्वारा ट्रस्ट में किए गए सशोधनों को सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, बीकानेर ने स्वीकार किया। चारों ट्रस्टों के रेकॉर्ड में पुराने ट्रस्टीगण का नाम हटा कर नए ट्रस्टीगण का नाम संशोधित किए गए। चारों ट्रस्टों की चेयरपर्सन सिद्धिकुमारी ने 29 मई 2024 को दोपहर 4 बजे लालगढ़ पैलेस परिसर स्थित चारों ट्रस्टों के अधिकृत कार्यालय में चार्ज लिया। इससे पहले ही आरोपी बदनीयति से ट्रस्ट कार्यालय में रखा सामान और दस्तावेज लेकर चले गए तथा खुर्द-बुर्द कर दिया।

विधायक सिद्धि कुमारी और महिमा कुमारी पर धोखाधड़ी का आरोप

इधर, बीकानेर पूर्व क्षेत्र की विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी के खिलाफ इस्तगासा की मार्फत मंगलवार को बीछवाल थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। यह रिपोर्ट होटल लक्ष्मी निवास पैलेस को लीज पर लेकर संचालित करने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राईएंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से राजीव मिश्रा ने दर्ज कराई है।

रिपोर्ट में बताया कि लक्ष्मी निवास पैलेस को 24 मई 1999 को रजिटर्ड लीज डीड से 19 साल के लिए कपनी को होटल संचालित करने के लिए दिया गया था। दिवंगत होने से पहले नरेन्द्र सिंह ने 15 जून 1999 को 19 वर्ष के लिए की गई लीज को 19-19-19 वर्ष के तीन रिन्यूवल का अनुबंध कपनी के साथ किया। आरोप है कि बाद में सिद्धि कुमारी और महिमा कुमारी ने दबाव बनाकर और पैलेस से बेदखल करने का डर दिखाकर 2 फरवरी 2011 तक चेक से कुल चार करोड़ रुपए वसूल किए। इनमें एक करोड़ रुपए महाराजा गंगासिंह ट्रस्ट के लिए दिए गए। बाद में लीज आगे नहीं बढ़ाने पर राशि वापस मांगने पर देने से इनकार कर दिया।

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