कार्यक्रम में 40-50 वर्ष पुरानी पतंग तथा 3 फीट की बड़ी चरखी रही आकर्षण का केंद्र रही।
स्वीप सहप्रभारी राजेन्द्र जोशी ने चंदा परम्परा की जानकारी दी और कहा कि
चंदा खुशहाली का प्रतीक है। संस्कृतिकर्मी कृष्णचन्द्र पुरोहित ने जिला कलक्टर के हाथों की अंगुलियों पर पारम्परिक पगडिय़ां एवं साफे बांधे। इस अवसर पर रोबीले, स्वीप कमेटी सदस्य आदि मौजूद थे।
स्वीप सहप्रभारी राजेन्द्र जोशी ने चंदा परम्परा की जानकारी दी और कहा कि
चंदा खुशहाली का प्रतीक है। संस्कृतिकर्मी कृष्णचन्द्र पुरोहित ने जिला कलक्टर के हाथों की अंगुलियों पर पारम्परिक पगडिय़ां एवं साफे बांधे। इस अवसर पर रोबीले, स्वीप कमेटी सदस्य आदि मौजूद थे।