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रेल सेवा शुरू होने से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, आज भी है बस इंतजार

विधानसभा क्षेत्र के लोगों को आज भी रेल सेवा शुरू होने का इंतजार हैं।

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Railway service

रेल सेवा

खाजूवाला. विधानसभा क्षेत्र के लोगों को आज भी रेल सेवा शुरू होने का इंतजार हैं। अनूपगढ़ से घड़साना, रावला, खाजूवाला, दंतौर, पूगल, बज्जू आदि क्षेत्र में रेल सेवा शुरू होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सीमावर्ती क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल की तैनाती तथा जिप्सम के अथाह भण्डार होने के कारण रेल सेवा की महत्ती आवश्यकता महसूस होने लगी है लेकिन अभी तक सर्वे नहीं होने से रेल सेवा शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

सर्वे के बाद भी उपेक्षित
वर्ष 2008 में अनूपगढ़ से कोलायत वाया खाजूवाला नई रेल लाइन बिछाने का सर्वे हुआ था लेकिन सर्वे सही नहीं होने के कारण इस परियोजना को रेल मंत्रालय द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया। इसके बाद आज तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

नई रेल लाईन के लिए पूर्व में भी रेल विभाग द्वारा सर्वे किया गया जो अनूपगढ़ को घड़साना, रावला, खाजूवाला, दंतौर, बज्जू होकर कोलायत-जैसलमेर रेल लाइन से जोडऩे का था लेकिन जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते स्वीकृत नहीं हो सका।

रेल लाइन की स्वीकृति नहीं होने का मुख्य कारण आर्थिक लाभ नहीं होना बताया गया है। जबकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल मार्ग स्वीकृत किया जाता है तो क्षेत्रवासियों को सुलभ यात्रा उपलब्ध होगी। वहीं सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी तथा जवानों के लिए सुविधा बढ़ेगी।

अवैध परिवहन रुकेगा
खाजूवाला क्षेत्र में जिप्सम के अथाह भण्डार हैं। ऐसे में जिप्सम का परिवहन यदि रेल मार्ग से होता है तो अवैध परिवहन पर रोक लगेगी तथा राज्य और केन्द्र सरकार को करोड़ों का राजस्व भी प्राप्त होगा। साथ ही औद्योगिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ेगी तथा रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

वर्तमान में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में ट्रकों से जिप्सम परिवहन रहा है जो कि सुरक्षा एवं आर्थिक दृष्टि से ठीक नहीं है। जिला मुख्यालय से 120 किमी की दूरी पर होन से क्षेत्रवासियों को रेल सेवा अभी महंगी तथा खर्चीली साबित होती है। वहीं समय की बर्बादी भी होती है।

क्षेत्र होगा विकसित
इंदिरा गांधी नहर आने के बाद घड़साना, रावला, खाजूवाला, दंतौर, पूगल, बज्जू आदि मंडियां विकसित हुई है। दंतौर क्षेत्र में जिप्सम के भण्डार होने के कारण खाद्यान एवं लदान संभव हो सकेगा। रेल लाइन की बार-बार मांग करने के बावजूद स्वीकृत प्रदान नहीं करने से क्षेत्रवासियों में जन आक्रोश है।

क्षेत्र के लोग प्रधानमंत्री तक भी पत्र पहुंच चुके हैं। रेल लाइन आने पर बीकानेर संभाग एक रिंग रेलवे द्वारा जुड़ जाएगा और यहां के लोग बीकानेर, खाजूवाला, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सादुलशहर, रतनगढ तथा अन्य राज्यों में यात्रा कर सकेंगे। रेलवे मार्ग पर रोजड़ी में महाजन फील्ड फायरिंग रेंग का बड़ा स्टेशन बनाया जा सकता है। जहां पर सैनिकों को रेंज में भेजने के लिए सुविधा दी जा सकती है।

पेंशनर्स संगठन, जन सहायता प्रकोष्ठ राजस्थान एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी इसके लिए प्रयासरत्त हैं। उन्होंने 23 नवम्बर 2016 को रेल मंत्री एवं राज्य की मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि प्रथम चरण की लम्बाई घटाने के लिए इसे बीकानेर सीधा जोड़ा जाए। द्वितीय चरण में महत्वपूर्ण मंडियों एवं जिप्सम क्षेत्र दंतौर को रेल लाइन से जोड़ा जाए।