
funeral-of-martyr
बीकानेर। अरुणाचल प्रदेश में आइडी विस्फोट में शहीद हुए सेना के जवान राकेश चोटिया का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव बीकानेर जिले में डूंगरगढ के धीरदेसर चोटियान उनके गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले सुबह शहीद का पार्थिव शरीर बीकानेर में म्यूजियम सर्किल के पास शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी उद्यान में सात से नौ बजे तक आमजन के दर्शनार्थ रखा गया। वहां राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद करीब दस बजे उनकी पार्थिव देह डूंगरगढ़ ले जायी गई जहां हजारों लोगों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। करीब एक बजे उनकी पार्थिव शरीर उनके गांव धीरदेसर चोटियान पहुंचा जहां आस पास के गांवों से पहुंचे सैकड़ों लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल तथा अन्य जनप्रतिनिधि, जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता, पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा, सेना के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद को अपनी श्रद्धांजलि दी।
उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों ने भारत माता की जय और शहीद राकेश चोटिया अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए। उनके नौ वर्षीय पुत्र मनीष ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस अवसर पर राजस्थान सशस्त्र पुलिस की ओर से उनके सम्मान में गोलियां चलाकर उन्हें अंतिम सलामी दी।
15 दिन पहले आए थे गांव
परिजनों के अनुसार राकेश 15 दिन पहले ही गांव आए थे। 31 जनवरी को वे सेवानिवृत होने वाला था। गांव आया तब वह सबको बोल कर गया था कि अब सेवानिवृत होकर ही घर आऊंगा। भगवान की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती।
घर वाले उनके सेवानिवृत होने के बाद घर आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। सबको बेसब्री से 31 जनवरी का इंतजार था लेकिन, विधाता को कुछ और ही मंजूर था। सेवानिवृति के छह दिन पहले ही उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक राकेश सेवानिवृत होने के बाद गांव में माता-पिता के साथ रहने की बातें करता था। राकेश के 11 साल का लड़का और 9 वर्ष की लड़की है।
Published on:
26 Jan 2018 08:52 pm
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