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बीकानेर. पोंग बांध विस्थापितों के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए बुधवार को शिमला के होलीडे होम में राजस्थान और हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव स्तरीय बैठक हुई। इसमें दोनों प्रदेशों के बीच 2200 पोंग बांध विस्थापितों को भूमि आवंटित करने पर सहमति बनी। साथ ही पूरी कार्रवाई को कोमन पोर्टल पर साझा करने और आवंटित किए मुरब्बों की जीओ टैगिंग करने का निर्णय किया गया।
हिमाचल के मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, राजस्थान के मुख्य सचिव बीबी गुप्ता, उपनिवेशन आयुक्त कुमार पाल गौतम, अतिरिक्त आयुक्त उपनिवेशन विवेक अरोड़ा, हिमाचल की एसीएस मनीष नंदा बैठक में शामिल हुए।
अरोड़ा ने बताया कि बचे हुए पोंग बांध विस्थापितों को शीघ्र भूमि आवंटन पर सहमति बनी है। हिमाचल की ओर से पक्ष रखा गया कि विस्थापितों की निरस्त की भूमि के मामलों को शामिल करते हुए सभी को फिर से भूमि आवंटित की जाए। दोनों के पक्ष रखने के बाद 2200 मुरब्बा भूमि आवंटन के लिए 15 दिन के भीतर बीकानेर में कैम्प आयोजित करने पर सहमति बनी।
गड़बड़ी पर अंकुश के लिए ऑनलाइन रेकॉर्ड
पोंग बांध विस्थापितों को आवंटित भूमि को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं रहे, इसके लिए हिमाचल और राजस्थान दोनों ही पूरी कार्रवाई का कम्प्यूटर पर रेकॉर्ड संधारित करेंगे। इस रेकॉर्ड को एक कॉमन पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा। साथ ही आवंटित भूमि को लेकर पोंग बांध विस्थापित कहीं भी ताजा स्थिति देख सके, इसलिए जीओ टैगिंग कराने का निर्णय किया गया है।
Published on:
21 Feb 2019 10:29 am
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