
पैथोलॉजी लैब
एक अनुमान के मुताबिक बीकानेर जिले में 350 से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब हैं। इनमें से 80 फीसदी लैब में एमडी पैथोलॉजिस्ट ही नहीं हैं। इससे इन पर ताला लग सकता है। यह लैब केवल टेक्निशियन के भरोसे ही चल रही हैं। न्यायालय के आदेश के मुताबिक एमडी पैथोलॉजिस्ट के बिना कोई भी लैब संचालित नहीं कर सकता।
एमडी पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर के बगैर कोई रिपोर्ट जारी नहीं कर सकता। बीकानेर, नोखा, लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, कोलायत, खाजूवाला, छतरगढ़, पूगल, बज्जू, महाजन में निजी पैथोलॉजी लैब संचालित हैं।
ये प्रमुख जांचें होती हैं : सीबीसी, बायस्पी, बोनमैरो, एफएनएसी, मलेरिया।
व्यवस्था नहीं
हाल ही के वर्षों में निजी लैब का धंधा तेजी से बढ़ा है। लैबों में जांच के लिए सस्ते उपकरण लगाए गए हैं। लैब के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे निजी लैब संचालकों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण नहीं है।
शहर में यहां हैं लैब
पीबीएम अस्पताल के सामने, एक्स-रे गली, सार्दुलगंज, पवनपुरी, जिला अस्पताल के आसपास, जेएनवीसी सहित पीएचसी व सीएचसी तथा डॉक्टरों के घर के आसपास निजी लैब चल रही हैं। इनमें कई बार लैब की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठते रहे हैं। विशेष रूप से मौसमी बीमारियों के सीजन में इन लैबों पर मरीजों की भीड़ अधिक रहती है।
कोर्ट ने यह दिया आदेश
सर्वोच्च अदालत ने 12 दिसंबर, 2017 को आदेश दिया था कि केवल एमडी पैथोलॉजी ही रिपोर्ट दे पाएंगे। कोर्ट ने एमसीआई द्वारा इसे लेकर तय प्रावधानों को सही बताया। साथ ही यह भी कहा कि डॉक्टर यदि पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर के बगैर किसी की जांच रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं तो वे भी दोषी होंगे।
आदेश का इंतजार
पैथोलॉजी लैब संचालन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के लिए विभागीय आदेशों का इंतजार है। फिलहाल अभी से निजी पैथोलॉजी लैब को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। विभागीय आदेश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ
Published on:
21 Jan 2018 10:51 am
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
