
Health Tips Expert Interview
एक्सपर्ट इंटरव्यू
शरीर के जिस स्थान में दर्द होगा वहां पर दर्द के साथ घाव, सूजन और जलन होगी। दर्द धीरे-धीरे शुरू होता है। कुछ देर बाद ऐसा लगता है कि पूरे शरीर में चल रहा है। उस स्थान पर चोट लगने या इलाज न कराने की स्थिति में दर्द तेजी के साथ बढ़ता है।
प्र. दर्द क्या है? आयुर्वेद में कैसे परिभाषित किया है?
आयुर्वेद में दर्द को तीन भागों में विभाजित किया है। वात दोष से पूरे शरीर में दर्द रहता है। समय के साथ बढ़ता रहता है। पित्त दोष में जलन और चुनचुनाहट होती है। कफ दोष में दर्द एक ही जगह काफी गहराई में होता है। इस आधार पर आयुर्वेद में दर्द का दोष और उसका कारण जानने के बाद ही इलाज करते हैं। इलाज के लिए पोटली मसाज, तेल धारा, औषधि काढ़े का भाप देते हैं। शारीरिक और मानसिक वेदना में आराम मिलता है।
प्र. आयुर्वेद में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है?
पहले रोगी की दिनचर्या जानने के बाद दर्द का कारण पता करते हैं। कई बार आम दोष भी दर्द का कारण होता है। आम दोष में जो हम खाद्य पदार्थ खाते हैं उसका वो तत्त्व जो किसी काम का नहीं होता है। वो शरीर में एकत्र हो जाता है। जब वे असंतुलित होता है तो शरीर में दर्द संबंधी परेशानी शुरू होती है।
प्र. कैंसर मरीजों के लिए उपाय?
कैंसर और रेडियोथैरेपी करा रहे रोगियों के लिए रसायन चिकित्सा का प्रयोग करते हैं। गिलोय और अश्वगंधा देते हैं। दर्द संबंधी समस्या में आराम मिलता है।
प्र. दर्द में घर पर कैसे राहत मिले?
अजवाइन, सौंठ और लहसुन खाने से दर्द में आराम मिलता है। प्राणायाम, शवासन आदि शारीरिक क्षमतानुसार करें।
प्र. महिलाओं को कमर दर्द का क्या उपचार है?
महिलाओं को पीठ और कमर दर्द की समस्या आम है। माहवारी के समय भी दर्द होता है। पीठ या कमर संबंधी दर्द लंबे समय से है तो चिकित्सक से सलाह लें जांच कराएं। लापरवाही परेशानी को बढ़ा सकती है। खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे शरीर स्वस्थ और मजबूत रहे।
लेफ्टिनेंट डॉ. अमित शर्मा, आयुर्वेद विशेषज्ञ जयपुर (प्रादेशिक सेना में सर्विंग ऑफिसर)
Published on:
03 Aug 2018 02:29 pm
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