
दिनेश कुमार स्वामी, बीकानेर। धोरों के बीच महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सैन्य अभ्यास के लिए बनाया यह काल्पनिक गांव चिड़ासर है। गांव के एक मकान में तीन आतंकियों ने ठिकाना बना रखा है। एक आतंकी इस मकान की तरफ जाने के रास्ते पर राइफल लिए पहरा दे रहा है। भारत और जापान की सैन्य टुकड़ी आतंकियों के खात्मे को आगे बढ़ रही है।
दरअसल, यह दोनों देश की सेनाओं के चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्मागार्डियन’ में रविवार का दृश्य था। इस सैन्य ऑपरेशन में तकनीक के साथ ह्यूमन रिसोर्स की उपयोगिता को भी रेखांकित किया गया। मसलन, ड्रोन की जगह कैमरे लगा सेना का बाज, सैनिकों का आतंकी से सीधा सामना करने से पहले प्रशिक्षित डॉग से सामना करवाना।
जापानी सेना के कमांडर ने आतंकियों को सर्विलांस करने के लिए ड्रोन से पूरे क्षेत्र की रेकी करने का सुझाव दिया। लेकिन भारतीय कमांडर ने ड्रोन की आवाज से आतंकियों के अलर्ट होने का खतरा जताते हुए भारतीय सेना के प्रशिक्षित बाज ‘अर्जुन’ को भेजने का सुझाव दिया। इसके बाद सिर पर कैमरा और पीठ पर जीपीएस चिप लगे बाज ने गांव का चक्कर लगाया और आतंकियों की सटीक पॉजिशन का पता चला। इसके बाद अगले आधे घंटे में क्रॉस फायरिंग, विस्फोट और सैनिकों के घायल होने से लेकर आतंकियों को ढेर करने के दृश्य देखने को मिले।
सबसे पहले गांव के पास मैदान पर स्मॉक बम से धुंआ कर हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे 9 सैनिक उतरे। इनमें एक सैनिक की पीठ पर श्वान भी बंधा था। सैनिकों ने श्वान को खुला छोड़ा तो वह गांव का पहरा दे रहे आतंकी पर टूट पड़ा। उसे बुरी तरह घायल कर राइफल भी छीन लाया।
दूसरी तरफ एक और हेलीकॉप्टर 9 सैनिकों को बैकअप देने के लिए पहुंचा। सैनिक 6-6 के समूह टारगेट वाले मकान की तरफ बढ़े। मकान के एक दरवाजे को विस्फोटक से उड़ा दिया। आतंकी ने मकान से फायर कर एक सैनिक को घायल कर दिया। तुरंत सेना की मेडिकल टीम पहुंची। फिर चारों तरफ से सैनिकों ने एक साथ आतंकियों पर हमला कर चारों को मार गिराया।
25 फरवरी से शुरू हुआ यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 9 मार्च तक चलेगा। इसमें जापान की 34वीं इन्फेंट्री रेजीमेंट तथा भारत की 19वीं राजपूताना राइफल्स बटालियन भाग ले रही है। चेतक कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल नगेन्द्र सिंह भी इस दौरे में उपस्थित थे।
जापान आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल तोगासी यूईचव ने कहा कि सैनिक एक दूसरे के सैन्य ऑपरेशनल और रणनीतिक अनुभव साझा कर रहे हैं। ऐसे अभ्यासों से दोनों देशों के डिप्लोमेटिक रिश्तों में भी मजबूती आती है। धर्मागार्डियन संयुक्त अभ्यास का 5वां संस्करण है। जो संयुक्त राष्ट्र के अनुरूप अर्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त क्षमताओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
Published on:
04 Mar 2024 08:55 am
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