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सरकारी स्कूलों में सत्र के पहले दिन ही पुस्तकें देने के निर्देश, पर नई उपलब्ध नहीं

सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाएंगी।

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पुस्तकें

बीकानेर . सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाएंगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक मई से शुरू हो रहे शिक्षण सत्र के पहले दिन से ही विद्यर्थियों को कोर्स की पुस्तकें वितरित करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत पुरानी व 50 प्रतिशत नई पुस्तकें मिलेंगी। जिन कक्षाओं का कोर्स बदला है, उनमें सभी पुस्तकें नई दी जाएंगी। हालांकि अभी तक नहीं पुस्तकें आई ही नहीं हैं।

प्राथमिक कक्षाओं में एक से तीन तक का कोर्स बदल गया है। इन कक्षाओं में पुस्तकें सभी विद्यार्थियों को नई मिलेंगी। इसी तरह कक्षा 12 में विज्ञान संकाय में जीव विज्ञान सैद्धांतिक व प्रायोगिक, कृषि विज्ञान, कृषि-जीव विज्ञान, कृषि-रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, भू-विज्ञान व संस्कृत शिक्षा के विद्यार्थियों की सामान्य विज्ञान विषय की
पाठ्य पुस्तकें बदल गई हैं। इन विषयों के विद्यार्थियों को ये पुस्तकें नई दी जाएंगी।

ये पुस्तकें वापस नहीं
कक्षा 9 की हिंदी व्याकरण व रचना प्रबोध, कक्षा 11 की संवाद सेतु, ऐच्छिक हिंदी, हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास पुस्तकें अध्ययनरत विद्यार्थियों से नहीं ली जाएंगी। इन पुस्तकों का उपयोग विद्यार्थी अगली कक्षाओं में कर सकेंगे। नव प्रवेशित विद्यार्थियों को ये पुस्तकें नई दी जाएंगी। कक्षा 11 व 12 की भूगोल प्रायोगिक पुस्तक में अभ्यास पुस्तिका शामिल होने से यह पुस्तक भी विद्यार्थियों से वापस नहीं लेने के निर्देश दिए गए हैं।

इनको मिलती हैं नि:शुल्क
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 8 तक के सभी विद्यार्थियों और कक्षा 9 से 12 तक पढऩे वाली सभी छात्राओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों तथा ऐसे छात्र जिनके माता-पिता आयकर नही देते हैं, उन्हें नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाती हैं।

अधिक नहीं रख सकेंगे
संस्था प्रधानों को आवश्यकता से एक भी पुस्तक अधिक नहीं रखने को कहा गया है। अधिक होने पर नोडल केंद्र पर जमा करानी होगी। हर जिले के जिला नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (शैक्षिक) को अधीनस्थ विद्यालयों को मांग के अनुसार ही पुस्तकें वितरित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

नई किताबें नहीं आई
राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की ओर से अभी तक नोडल वितरण केंद्रों को ही पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो नए सत्र में आधी किताबें तो पुरानी तथा आधी नई किताबें देनी पड़ती है। जबकि नई किताबें तो अभी तक आई ही नहीं है। ऐसे में निदेशक के पहले दिन से विद्यार्थियों को पाठ्य उपलब्ध कराने के निर्देशों की पालना कैसे संभव होगी ये शिक्षा अधिकारी बताने में असमर्थ है।