
Logistics Department Bikaner
जयभगवान उपाध्याय
बीकानेर. रसद विभाग के जिन अधिकारियों पर राशन घोटाले के आरोप थे, विभाग ने उन्हीं अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी। इतना ही नहीं, आरोपित अधिकारियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कर इसकी रिपोर्ट रसद अधिकारी को भी सौंप दी। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक बढ़ती गई, लेकिन लोकायुक्त सचिवालय ने रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया। लोकायुक्त ने दोषी अधिकारियों की ओर से जांच किए जाने को गलत मानते हुए एडीएम स्तर के अधिकारी से जांच करवाने के निर्देश दिए। अब बीकानेर में हुए तथाकथित राशन घोटालों की नए सिरे से जांच होगी। जांच रिपोर्ट २४ जुलाई से पूर्व लोकायुक्त सचिवालय, जयपुर मुख्यालय भेजनी होगी।
इन अधिकारियों पर लगे थे आरोप
आम्बेडकर चौक निवासी द्वारका प्रसाद हटीला ने राशन वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी और अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़ी शिकायत की थी। हटीला ने रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक सरोज बिश्नोई और देवाराम सारण पर करोड़ों रुपए के राशन घोटालोंं में सहयोग करने, उचित मूल्य दुकानदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने, चहेतों उचित मूल्य दुकानदारों को मनमर्जी का राशन वितरण करने सहित विभिन्न आरोप लगाए थे। इसके बाद विभिन्न स्तर से जांच करवाई गई। कई उचित मूल्य दुकानदारों के प्राधिकरण पत्र निलंबित और निरस्त भी किए गए, लेकिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिवादी का आरोप है कि रसद विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर उचित मूल्य दुकानदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
शहर में राशन घोटालों की पोल खोलते हुए 'राजस्थान पत्रिकाÓ ने शृंखलावार खबरें प्रकाशित कर रसद विभाग का ध्यान इस ओर दिलाया था। इसके बाद जयपुर मुख्यालय से रसद अधिकारियों की टीम को बीकानेर भेजा गया, जिसमें शामिल अधिकारियों ने उचित मूल्य दुकानदारों के राशन वितरण को देखा। जांच में सामने आया कि बीकानेर में दूसरे राज्यों के आधार कार्ड से राशन उठाया जा रहा है। वहीं मृत व्यक्तियों के नाम राशन उठाने, गांव के राशन का शहर में वितरण होने, कागजों में राशन बंटने, सरकारी अधिकारियों के नाम गरीबों के कोटे का राशन उठाने सहित विभिन्न प्रकरण सामने आए थे।
Published on:
08 Jul 2018 10:08 am
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