
Medical kit
भागीरथ ज्याणी/ बज्जू. बज्जू राजस्व तहसील क्षेत्र में जब कोई वन्य जीव घायल हो जाता है तो १०० से १५० किलोमीटर का सफर करने के बाद बीकानेर पहुंचना मजबूरी बना था। इस दौरान कई बार वन्य जीव की मौत भी हो जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र में इस समस्या को लेकर वन विभाग व अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने संयुक्त बैठक कर बज्जू तहसील के चार गांवों में अस्थाई रेस्क्यू सेंटर खोलने का निर्णय किया है।
इन सेंटर पर विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल किट भी हर समय उपलब्ध रहेगी। जीव रक्षा के दिनेश जाखड़ ने बताया कि बीकानेर में उप वन संरक्षक कार्यालय में आयोजित बैठक में अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज बिश्नोई ने चार गांवों में अस्थाई रेस्क्यू सेंटर खोलने की बात कही। इस पर विभाग ने मांग को जायज मानते हुए रेस्क्यू सेंटर खोलने का निर्णय ले लिया।
इन गांवों में होगा प्राथमिक उपचार
बज्जू तहसील के नगरासर, गौडू, आरडी ८६० व फूलासर में अस्थाई रेस्क्यू सेंटर खोला जाएगा। इसमें गांव के बाहर एक खेजड़ी के चारों ओर करीब १० से १५ फीट ऊंचाई तक तारबंदी व झाडिय़ों से बाड़ बनाई जाएगी। इसमें छाया भी उपलब्ध होगी। इस जगह घायल वन्य जीव रखा जाएगा। विभाग की आेर से उपलब्ध किट से ग्रामीण प्राथमिक इलाज भी कर सकेगा। पशु चिकित्सीय स्टाफ को इन जगह पर घायल वन्य जीवों के उपचार के लिए पाबंद किया जाएगा। गम्भीर रूप से घायल वन्य जीव एम्बुलेंस से बज्जू व बीकानेर रैफर कर दिया जाएगा।
प्लास्टिक जाली पर लगे रोक
वन्य जीवों के संरक्षण के लिए पशुपालन, वन विभाग व जीव रक्षा समिति ने खेतों के चारों ओर प्लास्टिक तारों की जाली पर रोक के लिए क्षेत्र में प्रचार-प्रसार का निर्णय लिया। इन जाली की वजह से हर दिन वन्य जीव फंस जाते है और घायल होकर आवारा कुत्तों के शिकार हो जाते है। इस पर प्रतिबंध व कानूनी रूप से रोक लगाने के लिए भी अनुशंसा की जाएगी। क्षेत्र में हिंसक कुत्तों को एंटी रेबिज इंजेक्शन लगाने व नसबंदी करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
Published on:
27 May 2018 12:49 pm
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