30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

धरती पर लॉकडाउन, आसमान खुला, आ अब लौट चले…

धरती पर लॉकडाउन, आसमान खुला, अपने वतन लौट रहे प्रवासी पक्षी  

2 min read
Google source verification
धरती पर लॉकडाउन, आसमान खुला, आ अब लौट चले...

धरती पर लॉकडाउन, आसमान खुला, आ अब लौट चले...

बीकानेर. कोरोना की रोकथाम को लेकर देशभर में लॉकडाउन किया हुआ है। लेकिन परिंदों के लिए यह लॉकडाउन कोई मायने नहीं रख रहा है। सर्दियों के मौसम में चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, यूरोप आदि देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ये प्रवासी पक्षी बीकानेर अंचल में पहुंचे थे। विभिन्न प्रजातियों के ये पक्षी बीकानेर के जोड़बीड, गजनेर, लूणकरनसर, दरबारी आदि क्षेत्र में अपना डेरा जमाए हुए थे। लेकिन अब गर्मी बढऩे के साथ ही ये प्रवासी पक्षी वापस अपने वतन की ओर उड़ान भरने लगे हैं। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी शुरू होने के साथ ही ज्यादातर प्रवासी पक्षी तो यहां से वापस लौट भी गए हैं लेकिन कुछ विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अभी भी यहां पर रुके हुए थे जो अब वापस अपने मूल स्थानों की ओर उड़ान भर रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन का रहा असर
पक्षी विशेषज्ञ बताते है कि चीन से आए काले रंग का पक्षी कूट अभी भी गजनेर झील में तैरते देखा जा सकता है। इसके अलावा गिद्ध की ज्यादातर प्रजातियां यहां से जा चुकी है, लेकिन एक या दो प्रजातियां ही अभी तक रुकी हुई है। विशेषज्ञ ने बताया कि इस बार जलवायु परिवर्तन कर कारण सर्दी का असर अप्रैल तक रहा है। इसलिए कुछ प्रजातियां अभी तक यहां रुकी हुई है। अब धीरे-धीरे गर्मी का असर तेज होने के साथ ही यह सभी प्रजातियां इसी माह में वापस अपने देश लौट जाएगी।


भोजन की तलाश में आते हैं प्रवासी पक्षी

पक्षी विशेषज्ञों की माने तो प्रवासी पक्षी चीन व मंगोलिया से मार्श सैंड पाइपर, रड़ी शेल डक, व्हाइट आइड पोचार्ड, बार हेडेड गुज, डोमेंसियाल क्रेन, स्टेपी ईगल, ग्रेटर कोटमेंट, कॉमन कुकू, ओरिएंटल कुकू, जापान से स्पून बिल, यूरोप व रूस से क्रेस्टेड ग्रीन, ग्रीन शेंक, पिनटेल, कुरलेव सैंड पाइपर, कॉमन टिल, नॉर्थन शोवलर, ईरान से रिवर टर्न, पालिड हैरियर यूरेशिया, युरेशियन वेगिओं के अलावा सेनेरिस वल्चर, युरेशियन ग्रिफन, इम्पीरियल ईगल, ग्रेटर स्पोर्टेट ईगल भी यहां पर आते है।


पक्षियों के लिए कोई सरहद नहीं

इस बार जलवायु परिवर्तन के कारण पक्षियों पर काफी प्रभाव पड़ा है। बीकानेर में अभी भी कुछ प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां है जो इस माह तक वापपस अपने वतन लौट जाएगी। कुछ प्रजातियां तो पहले ही जा चुकी है। पक्षियों के लिए कोई सरहद व सीमा नहीं होती है।

- डॉ. दाऊलाल बोहरा, आइयूसीएन सदस्य व पक्षी विशेषज्ञ।