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अब बौने कद पर भी मिलेगा आरक्षण, दिव्यांग श्रेणी में किया शामिल

छोटे कद के इंसान के लिए सरकारी नौकरियां भी सामान्यत दूर की कौड़ी नजर आती है लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा।

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बौने कद पर भी मिलेगा आरक्षण

महाजन. बौने कद का नाम आते ही दिमाग में उभरती है नाटे कद के व्यक्ति की तस्वीर। समाज मेें इस श्रेणी के लोगों को एक अलग ही नजर से देखा जाता है। छोटे कद के इंसान के लिए सरकारी नौकरियां भी सामान्यत दूर की कौड़ी नजर आती है लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा।

केन्द्र सरकार ने बौने कद के व्यक्तियों की पीड़ा को समझते हुए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम २०१६ का दायरा बढ़ाते हुए २१ प्रकार की दिव्यांगता को स्वीकृति देतेे हुए बौनेपन को इसमेें शामिल कर लिया है। नई श्रेणियों मेें भी शामिल लोगों को भी अब आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इन श्रेणियों को माना दिव्यांग
केन्द्र सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम २०१६ के तहत मानसिक मंदता, ऑटिज्म, बहु निशक्तता, सेरेब्रलपाल्सी, मानसिक रोगी, श्रवण बाधित, मूक विकलांगता, दृष्टि बाधित, अल्पदृष्टि, चलन निशक्तता, कुष्ठ रोग, बौनापन, तेजाब हमला पीडि़त, मांसपेशी दुर्विकार, स्पेििसफिक लर्र्निंग डिस्एबिलिटी, बौैद्धिक निशक्तता, मल्टीपल स्कलेेरोसिस, पार्किसंस रोग, हिमोफीलिया अधिरक्तस्राव, थैलेसिमिया और सिकल सैल डिजीज को विकलांगता की श्रेणी मेें रखा गया है।

चार प्रतिशत मिलेगा आरक्षण
इन श्रेणियों में पूर्व में सरकारी सेेवा में तीन प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ मिलता था। जिसे
सरकार ने बढ़ाते हुए अब चार प्रतिशत कर दिया है। बौनापन विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए अभ्यर्थी का चार फीट दस इंच अथवा इससे कम ऊंचाई का होना जरूरी है।

सभी अहर्ता पूर्ण होने पर प्रमाण पत्र जारी होगा। सरकार ने जिन नई श्रेणियों को दिव्यांगता अधिनियम में लिया है उनके बारे में इन श्रेणियों के लोगों को पता ही नहीं है। जागरूकता का अभाव होने से इन श्रेणियों के लोग लाभ उठाने से वंचित हो रहे है।

धरना 37वें दिन भी जारी
बीकानेर . अभियांत्रिकी महाविद्यालय से निष्कासित कार्मिकों की पुन: नियुक्ति की मांग को लेकर धरना ३७वें दिन भी शनिवार को जारी रहा। ईसीबी बेरोजगार संघर्ष समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार व्यास ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा निकाली गई भर्ती प्रक्रिया न्याय संगत नहीं है

क्योंकि गत सरकार की ओर से गोविल कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर महाविद्यालय में कार्यरत तीन वर्ष कार्य करने वाले कार्मिकों को स्थायी नियुक्ति दी जानी थी और कार्मिकों को अवैधानिक रूप से महाविद्यालय से निकाल दिया गया। धरने पर रामेश्वरलाल चौधरी, बजरंगलाल, शशिशेखर, सत्यप्रकाश जोशी, निरंजन पारीक, धनसुख आदि उपस्थित थे।