बीकानेरPublished: Nov 09, 2022 02:49:31 am
Brijesh Singh
करीब ढाई दशक से बंद पड़े आज की दुनिया की निगाहों से दूर इस हॉल की ओर बीते कल सोमवार को तब ही शहर की निगाह उठी, जब इसने आग की लपटों से घिर कर लोगों को ध्यान आकृष्ट किया।
बीकानेर. जिस सिनेमा हॉल की एक सीट के लिए सिनेप्रेमी टिकट की चाह में मारामारी (जद्दोजहद) करते थे, उसी सिनेमा हॉल की कुर्सियां अब राख में तब्दील हो चुकी हैं। कुर्सियों में लगा रेग्जीन, जूट की घास, लकड़ी के पटड़े अब राख बन चुके हैं। बचा है तो कुर्सियों का केवल लोहे वाला हिस्सा व कुर्सियों की स्प्रिंगें। फुलस्क्रीन सफेद पर्दे की खाली जगह राख की कालिख से रंगी-पुती मानों अनदेखी की कहानी बयां कर रही है। दाऊजी रोड स्थित प्रकाश चित्र सिनेमा हॉल का आज यही हाल है। करीब ढाई दशक से बंद पड़े आज की दुनिया की निगाहों से दूर इस हॉल की ओर बीते कल सोमवार को तब ही शहर की निगाह उठी, जब इसने आग की लपटों से घिर कर लोगों को ध्यान आकृष्ट किया। देखते ही देखते उठी भीषण आग की लपटों ने हॉल में लगी दर्जनों कुर्सियों, लकड़ी की छत, बीम आदि को अपने आगोश में ले लिया व राख में तब्दील कर दिया।