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बाहर की दुनिया से भीतर की दुनिया में प्रवेश करने का महापर्व है पर्युषण

जैन धर्म का महापर्व पर्युषण जप, तप, धर्म, आध्यात्म व महामंत्र के जप के साथ मनाया जा रहा है। मुनिवृंद व साध्वीवृंद के सानिध्य में धार्मिक कार्यक्रमों का क्रम चल रहा है।

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बीकानेर. श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर के तत्वावधान में तेरापंथ भवन में साध्वी चरितार्थ प्रभा एवं साध्वी प्रांजल प्रभा के सानिध्य में रविवार को पर्युषण महापर्व का प्रथम दिवस खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी चरितार्थ प्रभा ने कहा कि पर्युषण महापर्व बाहर की दुनिया से भीतर की दुनिया में प्रवेश करने का महापर्व है। आसक्ति से अनासक्ति, वासना से उपासना, राग से विराग की ओर प्रस्थान ही पर्युषण है। पर्युषण काल में जप, तप, सामायिक, मौन, त्याग व तपस्या के साथ-साथ मोबाइल का वर्जन भी करें। साध्वी प्रांजल प्रभा ने कहा कि पर्युषण महापर्व पर्वों में अनुत्तर है, सर्वोत्तम है। इस पर्व में धर्म का पोषण होता है। यह आत्म शुद्धि का प्रेरक पर्व है। पर्युषण पर्व व्यक्ति के शुद्ध भावों को बढ़ाने वाला तथा विकारी भावों को घटाने वाला है। साध्वी वैभवयशा ने कहा कि साधना का पहला पैरामीटर है - खाद्य संयम। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन चलाने के लिए आहार करना जरूरी है। जीने के लिए खाना आवश्यक है, परंतु यदि खाने के लिए ही जीना हो, तो यह चिंतन का विषय है।कार्यक्रम की शुरूआत पर्युषण गीत के संगान से हुई। तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष पवन कुमार छाजेड़ ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया गया।

अभिनव सामायिक कल

सभा कोषाध्यक्ष रतनलाल छलाणी ने सभा की गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि तेरापंथ भवन में पर्युषण काल में नमस्कार महामंत्र का अखंड जप अनुष्ठान चल रहा है। सायंकालीन प्रतिक्रमण प्रतिदिन लगभग 6.30 बजे होगा तथा रात्रिकालीन कार्यक्रम शांति निकेतन में रात्रि 8 बजे से होगा। तेरापंथ युवक परिषद की ओर से अभिनव सामायिक के बैनर का विमोचन किया गया। युवक परिषद के उपाध्यक्ष ललित राखेचा ने बताया कि 3 सितंबर को प्रातः 9 बजे तेरापंथ भवन में अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया है।