
कीटनाशकों का उपयोग जानलेवा
सोहनलाल सारस्वत/हेमेरां. खेती में फसल को कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का अंधाधुंध उपयोग अब किसानों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है। क्षेत्र में गत तीन वर्ष में दस किसानों की मौत का कारण यहीं कीटनाशक बना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार विश्व में हर साल करीब दो लाख किसानों की मौत कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के कारण होती है। फिर भी हैरानी की बात यह है कि किसान बेधड़क बिना सावधानी बरते कीटनाशकों का छिड़काव कर रहा है।
दस किसानों की मौत
नापासर थाना क्षेत्र के आंकड़ों के अनुसार खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करते समय वर्ष 2015 में तीन, वर्ष 2016 में तीन तथा वर्ष 2017 में अब तक 4 किसानों की मौत दवा के छिड़काव या उसके प्रभाव से हुई है।
इन पर लगी रोक
केंद्र सरकार ने जून 1993 में बारह कीटनाशकों पर पूर्ण प्रतिबंध और तेरह के इस्तेमाल पर कुछ पाबंदी की औपचारिकता निभाई थी। इनमें सल्फास के नाम से मशहूर एल्युमिनियम फॉस्फाईड भी है। पूर्व में मेडिकल दुकानों पर सल्फास आसानी से उपलब्ध हो जाता था लेकिन अब इससे लेने उतना आसान नहीं है।
सरकार के कृषि मंत्रालय ने चार जनवरी 2017 को अपने राजपत्र में ट्रायाज़ोफोज़ और कार्बराइल समेत 18 कीटनाशकों वेनोमाइल, कार्बराइल, डायजिनोन, फेनारिमोल, फेंथिओन, लिनुरोन, मेथोक्सी ईथाइल, मिथाइल पेराथिओन, सोडियम साइनाइड, थियोमेटोन, ट्राइडेमोर्फ, ट्राइ फ्लूरेलिन, अलाक्लोर, डाइ क्लोरोवस, फोरेट, ट्रायाज़ोफोज़, ट्राईक्लोरोफोर्न आदि को पर्यावरण के लिए घातक मानकर कृषि में प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उपयोग के दौरान बरतें सावधानी
कीटनाशक दवा के लिए हमेशा साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। दस्ताने, मास्क, टोपी, एप्रॉन आदि सुरक्षात्मक कपड़ों का इस्तेमाल शरीर को ढकने करने के लिए करें। छिड़काव के घोल से बचने के लिए हमेशा नाक, आंख, कान और हाथों का बचाव करें। इस्तेमाल करने से पहले कीटनाशक के कंटेनर पर लिखे निर्देश को सावधानीपूर्वक पढ़ लें। स्प्रे टैंक को भरते समय छिड़काव के लिए बनाए गए कीटनाशक के घोल को गिरने से बचाएं।
ऐसी कोई भी गतिविधियां नहीं करनी चाहिए जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हों। कीटनाशक के घोल को तैयार करने के बाद कभी भी 24 घंटे बाद इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। कीटनाशकों की अत्यधिक मात्रा इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। यह पौधे के स्वास्थ्य और पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है। छिड़काव के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह से धो लें।
असर होने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें
हवा की विपरीत दिशा में चलते हुए छिड़काव नहीं करें। इससे हवा में उड़कर रसायन खुद पर गिरने लगता है। कृषि रसायनों को पशुओं से भी दूरी बना कर रखें। इसका शरीर पर असर होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. उदयभान, कृषि उपनिदेशक व कृषि विशेषज्ञ
Published on:
29 Nov 2017 11:45 am
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