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बीकानेर: हवा में घुला जहर, बढ़ा रहा शुगर लेवल

locationबीकानेरPublished: Sep 13, 2019 01:53:25 am

Submitted by:

Hari

bikaner news: पीबीएम में 10 से अधिक उम्र के 39 हजार 297 से अधिक लोग पंजीकृतअस्पताल के डायबिटीज केयर एंड रिसर्च सेंटर में काम शुरू

Poison dissolved in air, increasing sugar level

Poison dissolved in air, increasing sugar level

बीकानेर. शहरी वातावरण में फैल रहा प्रदूषण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। वातावरण में प्रदूषण लेवल की जांच पर काम बीकानेर में एसपी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध डायबिटीज केयर एंड रिसर्च सेंटर ने शुरू कर दिया है।
पहले चरण में शहर के तीन स्थानों पर मशीन से प्रदूषण का लेवल जांच किया जा रहा है। साथ ही उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों में शुगर, हार्ट एवं ब्लड प्रेशर की बीमारी कितनी ज्यादा है, इसकी जानकारी ली जा रही है। इसके लिए 15 चिकित्सकों की टीम लगी हुई है। सेंटर दो दिन से शहर के फड़बाजार और जेएनवीसी क्षेत्र में प्रदूषण और बीमारी के लक्षणों की जांच कर रहा है।
एसपी मेडिकल कॉलेज के मुताबिक गांवों में 5.8 प्रतिशत और शहरों के लोगों में 8 प्रतिशत शुगर लेवल है। यह अनुपात 40 और उससे अधिक की उम्र के लोगों का है। बच्चों का अनुपात गांवों में तीन और शहरों में पांच प्रतिशत है। पीबीएम अस्पताल से संबद्ध डायबिटिक केयर एंड रिसर्च सेंटर में शुगर पीडि़त पांच हजार दो सौ बच्चे रजिस्टर्ड हैं। पीबीएम में 40 से अधिक उम्र के करीब 39 हजार 297 से अधिक लोग पंजीकृत है।

करार के साथ काम
एसपी मेडिकल कॉलेज, जिला पॉल्यूशन एवं जयपुर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड मिलकर काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए एसपी मेडिकल कॉलेज का जिला पॉल्यूशन एवं जयपुर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ करार हुआ है। प्रदूषण लेवल की जांच का काम दो दिन से चल रहा है। शुक्रवार को मुरलीधर व्यास कॉलोनी में चिकित्सकीय टीम सर्वे करेंगी।
पहले भी हो चुके हैं कई शोध
पीबीएम अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक कई तरह के शोध कर चुके हैं, जिनके परिणाम भी बेहतर रहे हैं। ऊंटनी के दूध के शुगर में बेहतर परिणाम मिलने के बाद कई और शोध हो चुके हैं। प्रदूषण के खतरे को भांपते हुए मानव जीवन पर पडऩे वाले असर पर पहले भी कई शोध हुए है।
अब प्रदूषण से शूगर पर क्या हो रहा असर इसकी जांच की जा रही है। वहीं पहले जयपुर में प्रदूषण का हार्ट की बीमारियों में हो रहे असर की जांच कर रिसर्च की गई थी। दमा की बीमारी में प्रदूषण की भूमिका पर बीकानेर, जयपुर, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर सिर्च हो चुकी है। अब पहली बार एसपी मेडकल कॉलेज प्रदूषण का शूगर के मरीजों में असर की रिसर्च कर रहा है।

जयपुर भेजेंगे रिपोर्ट
वातावरण को दूषित करने वाले तत्व कितने हानिकारक हैं, कौनसा तत्व ज्यादा हानिकारक है, इसके लिए क्षेत्र चिह्नित कर लिए गए हैं। दो दिन से पॉल्यूटेन मेजरमेंट मशीन से प्रदूषण स्तर जांचा जा रहा है। इसकी रिपोर्ट जयपुर भेजी जाएगी। आमजन में शुगर, ब्लडप्रेशर के लेवल पता करने के लिए 15 सदस्यीय चिकित्सकीय टीम काम कर रही है।
डॉ. आरपी अग्रवाल, पूर्व प्राचार्य एवं प्रभारी डायबिटिज केयर एंड रिसर्च सेंटर
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