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राजस्थान चुनाव 2023: इलेक्शन में भी साइड इफेक्ट, गाय-भैंस बेच कर लाए रुपए भी हो रहे जब्त

Rajasthan Election: चुनावी साल, दीपोत्सव एवं वैवाहिक सीजन के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन की सख्ती से हाय-तौबा मची हुई है। आचार संहिता की चपेट में लोगों की मेहनत व पसीने की कमाई भी आ रही है, जिन्हें वापस लेने में उनके पसीने छूट रहे हैं।

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Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनावी साल, दीपोत्सव एवं वैवाहिक सीजन के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन की सख्ती से हाय-तौबा मची हुई है। आचार संहिता की चपेट में लोगों की मेहनत व पसीने की कमाई भी आ रही है, जिन्हें वापस लेने में उनके पसीने छूट रहे हैं। आचार संहिता लगने के बाद से अब तक केवल बीकानेर जिले में 12 करोड़ 59 लाख रुपए सीज किए जा चुके हैं। बीकानेर संभाग के बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ जिले में चार करोड़, 80 लाख 7 हजार 700 रुपए जब्त किए गए हैं। वहीं जब्ती का यह आंकड़ा प्रदेशभर में आचार संहिता के लगने के बाद से अब तक 335 करोड़ रुपए पहुंच गया है। यह कार्रवाई तो महज 18 दिनों की है, जबकि चुनाव में अभी 28 दिन और शेष हैं।

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यह करें, जब्त नहीं होगी राशि
- बैंक से रुपए निकाले हैं, तो उसकी पर्ची।
- स्वयं के खाते से रुपए निकाले गए हो।
- बैंक की पर्ची, किसी से उधार लिया है, तो उसका विवरण।

ऐसे वापस ले सकते हैं राशि: रुपयों के संबंध में कोई प्रमाण नहीं है और जब्त हो गए हैं, तो जिला स्तरीय कमेटी जांच करेगी। जांच में संदिग्ध नहीं होने पर राशि 24 घंटे के भीतर लौटा दी जाएगी

परेशानी का सबब बन रही व्यवस्था: आम आदमी के लिए पुलिस और एसएफटी एवं विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की ओर से चुनाव के दौरान नकद राशि जब्त करने की व्यवस्था सबसे बड़ी परेशानी का सबब बन गई है। आम आदमी का खुद का पैसा होने के बावजूद उसे प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, जिला स्तरीय कमेटी जांच में संदिग्ध नहीं होने पर 24 घंटे के भीतर राशि रिलीज करता है। इसमें किसी तरह की शंका होने पर राशि जब्त रहती है।

इस वर्ष अब तक चार गुना से ज्यादा जब्त
पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में 65 दिनों के दौरान जब्त की गई राशि में इस बार महज 18 दिनों में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 476 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है। विदित रहे कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव म 3456.22 करोड़ की नकद राशि जब्त की गई थी, जो सरकार की ओर से वर्ष 2014 के चुनावों को कराने के लिए किए गए खर्च का 19 प्रतिशत थी।

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इन जिलों में इतनी राशि जब्त (करोड़ों में)
- जिला - जब्त राशि
- जयपुर - 59.70
- उदयपुर - 17.86
- अलवर - 17.55
- चितौड़गढ़ - 15.57
- जोधपुर - 14.93
- भीलवाड़ा - 14.46
- बांसवाड़ा - 14.40
- कोटा - 13.58
- बीकानेर - 12.59
- नागौर - 12.32
- बाड़मेर 11.68
- श्रीगंगानगर - 9.80
- हनुमानगढ़ - 9.74
(दिनांक 26 अक्टूबर तक की कार्रवाई, राशि करोड़ों में)


केस-1: कोलायत तहसील क्षेत्र निवासी एक शख्स अपनी दो भैंस व एक गाय को बेच कर वापस आ रहा था। जिला पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान उससे दो लाख 17 हजार रुपए बरामद किए, जिन्हें जब्त कर लिया। उसने बताया कि वह यह रुपए भैंस व गाय बेच कर लाया है। पुलिस नहीं मानी। अब अपने ही रुपए वापस लेने के लिए वह चक्करघिन्नी बना हुआ है।

जब्ती का कारण : पुलिस के अनुसार उस व्यक्ति के पास कोई लिखित प्रमाण नहीं था। पशु जिसे बेचे, उससे बात भी कराई, लेकिन बात कराना कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। ऐसे में संदिग्ध लगने पर राशि जब्त कर प्रकरण को जिला कमेटी के समक्ष भेज दिया।

केस-2: लूणकरनसर तहसील क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति फसल व पूर्व में जमापूंजी लेकर खरीदारी करने आ रहा था। श्रीगंगानगर रोड पर विशेष नाकाबंदी में पुलिस व एफएसटी ने रुपए जब्त कर लिए। वह उन रुपयों का पूरा हिसाब दे रहा है, लेकिन हिसाब मौखिक है, कागजों में नहीं।

जब्ती का कारण : व्यक्ति के पास रुपए मिले, लेकिन कहां से लेकर आया। इसका कोई प्रमाण नहीं होने पर जब्त किया गया। उक्त प्रकरण जिला कमेटी के पास भिजवा दिया।

गाइडलाइन की कर रहे पालना: चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार 50 हजार से अधिक की संदिग्ध राशि मिलती है, तो उसे जब्त कर जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष पेश करना है। राशि के संबंध में लीगल सोर्स बताने पर जब्त नहीं की जाती। नकद राशि के संबंध में लाने और किस उद्देश्य से ले जा रहे, इसका सोर्स व प्रमाण होना जरूरी है। 50 हजार से 10 लाख रुपए की नकद राशि पुलिस जब्त करती है। इससे बड़ी राशि होने पर जीएसटी व आयकर विभाग को सूचना देते हैं। आमजन को परेशानी न हो, इसलिए नकद राशि का प्रमाण साथ रखें।-तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक