
Rajasthan election 2018
बीकानेर. कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची ने जहां बीकानेर शहर की राजनीति में बगावत का बवाल मचा दिया था, वहीं रविवार को आई तीसरी सूची ने राजनीतिक समीकरणों को ही पलट कर रख दिया। दो बार लगातार हार से पार्टी में हाशिये पर धकेले गए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला को बीकानेर पश्चिम से टिकट मिल गया।
वहीं पश्चिम विधानसभा से पार्टी के टिकट देने पर मजबूरी में चुनाव मैदान में उतरे जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत अपनी दावेदारी वाली सीट बीकानेर पूर्व से प्रत्याशी बना दिए गए। वहीं पार्टी की ओर से बीकानेर पूर्व से टिकट वापस ले लेने पर निराश होकर झंवर वापस नोखा लौट गए। कांग्रेस की तीसरी सूची ने नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की राजनीति को भी हिलाकर रख दिया। भले ही बीकानेर पूर्व और पश्चिम से कांग्रेस ने प्रत्याशी बदले लेकिन इसका प्रभाव नोखा विधानसभा क्षेत्र पर भी पड़ा है। ऐसे में बीकानेर रविवार को उबलता रहा।
यह है कहानी, यों चला झंवर को टिकट मिलने, कटने और वापस मिलने का सिलसिला
झंवर को टिकट मिलने, उसके बाद कटने और बाद में वापस मिलने का किस्सा भी रोचक रहा। दरअसल डूडी नोखा से चुनाव लड़ते हैं। इसी सीट से झंवर भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरते हैं। झंवर 2008 में तो डूडी को शिकस्त देकर विधानसभा पहुंच गए। पिछले चुनाव 2013 में भी झंवर ने रामेश्वर डूडी को कड़ी टक्कर दी थी। डूडी ने पहले दिन से ही नोखा की सीट के राजनीतिक समीकरण अपने पक्ष में बनाने के लिए झंवर को कांग्रेस में शामिल करने के प्रयासों में जुट गए। बताया जा रहा है कि झंवर ने डूडी के सामने शर्त रखी कि उन्हें बीकानेर पूर्व से कांग्रेस का टिकट मिल जाएगा तो वह नोखा से निर्दलीय चुनाव नहीं लडेंग़े। इसके बाद डूडी ने पार्टी के सामने झंवर को शामिल करने का प्रस्ताव रखा। प्रारंभिक तौर पर बड़े नेता इस बात पर सहमत नहीं हुए। इसकी वजह से उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाने में डूडी को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
अंतत: टिकट बंटने से ऐन पहले उन्हें पार्टी में शामिल करके पूर्व से चुनाव मैदान में उतार दिया गया। ऐसे में बीकानेर पूर्व से दावेदारी कर रहे यशपाल गहलोत का टिकट कटने की नौबत आ गई। उनके समर्थक भी सड़कों पर उतर आए। उनके समर्थन में एक बड़े नेता भी खड़े हो गए। अत: गहलोत को पश्चिम से चुनाव में उतार दिया गया। टिकटों के इस उलटफेर की चपेट में कल्ला आ गए। चूंकि कल्ला पश्चिम से दावेदारी कर रहे थे। गहलोत के आने से उनका टिकट कट गया।
Published on:
19 Nov 2018 11:21 am
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