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Rajasthan: 34 हजार शिक्षकों की जगह सिर्फ 2202 पदों पर ही भर्ती, जानें भजनलाल सरकार ने क्यों खींचे हाथ?

Rajasthan Government: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बेरोजगारों को व्याख्याताओं की बड़ी संख्या में भर्ती की उम्मीद थी। लेकिन, महज 2202 पदों के लिए ही आवेदन मांगने से उम्मीद पर पानी फिर गया। जानें-सरकार ने ऐसा क्यों किया?

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CM Bhajanlal Sharma

बृजमोहन आचार्य

बीकानेर। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 34 हजार से अधिक स्कूल व्याख्याताओं की जरूरत है। इनमें 17 हजार 556 पद पहले से रिक्त चल रहे हैं। जबकि पिछले दो साल में नवक्रमोन्नत स्कूलों के लिए 17 हजार व्याख्याताओं की आवश्यकता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि व्याख्याता को वेतन-भत्ते पेटे करीब 80 से 90 हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। ऐसे सभी 34 हजार रिक्त पदों भरने पर हर माह 272 करोड़ रुपए से ज्यादा का वित्तीय भार बढ़ेगा। इस भार से बचने के लिए सरकार ने महज 2202 पदों की भर्ती निकाली है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2022 में 6 हजार व्याख्याताओं की भर्ती की गई थी, तब करीब 17 हजार पद रिक्त रह गए थे। सरकार ने 6 हजार स्कूलों को क्रमोन्नत कर उच्च माध्यमिक स्तर के कर दिए। इससे 17 हजार व्याख्याताओं की और आवश्यकता हो गई। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार से बेरोजगारों को व्याख्याताओं की बड़ी संख्या में भर्ती करने की उम्मीद बंधी थी। आरपीएससी की ओर से महज 2202 पदों के लिए ही आवेदन मांगने से इस उम्मीद पर पानी फिर गया।

भारी मन से कर रहे आवेदन

स्कूल व्याख्याता भर्ती के लिए 5 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन होने शुरू हो गए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 4 दिसंबर रखी गई है। बीएड डिग्रीधारी बेरोजगार शिक्षकों की तादाद लाखों में है। अभ्यर्थी सुमन सारस्वत ने बताया कि पद बहुत कम है। फिर भी भारी मन से अभ्यर्थी आवेदन कर रहे हैं।

व्याख्याता के 55 हजार पद स्वीकृत

माध्यमिक शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार विषय व्याख्याताओं के 55 हजार 341 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 37 हजार 785 व्याख्याता कार्यरत है। इस तरह 17 हजार 556 पद खाली हैं। गत तीन साल में क्रमोन्नत 6000 स्कूलों के लिए न्यूनतम 17 हजार व्याख्याताओं की और आवश्यकता है। वर्तमान भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक कुछ व्याख्याता और सेवानिवृत हो जाएंगे। ऐसे में कुल रिक्त पदों का आंकड़ा 34 से 35 हजार के बीच बैठता है।

चार सत्रों की डीपीसी भी बकाया

शिक्षा विभाग चार सत्रों की डीपीसी भी समय पर नहीं कर रहा है। शिक्षा सत्र के अनुसार डीपीसी होती रहती तो इतनी बड़ी तादाद में पद रिक्त नहीं होते। शिक्षा सत्र 2021-22, 2022-23, 2023-24 और 2024-25 की डीपीसी बकाया है। इन डीपीसी से विभाग को करीब दस हजार व्याख्याता मिल जाएंगे।

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12 साल में सबसे छोटी भर्ती

पिछले 12 साल में व्याख्याताओं की पांच बार भर्ती निकाली गई। सबसे अधिक वर्ष 2015 में 13 हजार 98 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। साल 2013 में 4010, साल 2018 में 5000, साल 2022 में 6000 पदों पर भर्ती निकाली गई। सबसे कम 2202 पद इस बार ही रखे गए हैं।


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रिक्त पदों का महज 6.5 फीसदी

34 हजार से अधिक पदों के लिहाज से देखे तो व्याख्याता भर्ती महज साढ़े छह फीसदी पदों पर हो रही है। भर्ती प्रक्रिया में लम्बा समय लग जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश स्कूलों में व्याख्याता नहीं है। अब नई चंद व्याख्याता आएंगे तो भी शहरी क्षेत्रों को ही मिल पाएंगे। कम से कम 17 हजार पद सीधी भर्ती से भरने चाहिए।
-बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा


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