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अब ट्रेन पर नहीं रहेगा आरक्षण चार्ट, यह है कारण

बीकानेर मंडल में 1 मार्च से शुरू होगी व्यवस्था...

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अब ट्रेन के डिब्बे के ऊपर लगे आरक्षण चार्ट में अपनी बर्थ के नम्बर नहीं खोजने पड़ेंगे। आने वाले दिनों में रेलवे आरक्षण चार्ज लगाने की व्यवस्था को ही समाप्त कर रहा है। पहले चरण में सभी ट्रेनों की रिजर्व बोगियों पर रिजर्वेशन चार्ट हटाए जाएंगे। बीकानेर मंडल से चलने वाली सभी ट्रेनों में एक मार्च से आरक्षण चार्ट दिखाई नहीं देंगे।

पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए हाल ही में रेल मंत्रालय ने सभी मंडलों को एक मार्च से इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से ही रेलवे प्रशासन इसकी क्रियान्विति में जुट गया है।

छह माह तक प्रयोग
पहले चरण में ए-1 व ए श्रेणी के रेलवे स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में छह माह के लिए प्रायोगिक तौर पर यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। ए-1 श्रेणी में जयपुर , जोधपुर , अजमेर स्टेशन आते हैं। इसी तरह ए श्रेणी में बीकानेर, लालगढ़, हिसार, भिवानी, गंगानगर स्टेशन आते हैं।

मंडल से 50 ट्रेनें
बीकानेर मंडल से लगभग 50 ट्रेनें संचालित हो रही है। जो इस मंडलों के विभिन्न स्टेशनों से चलती है। बीकानेर स्टेशन से मुम्बई, चैन्नई, हावड़ा, अहमदाबाद, पूर्णे, हरिद्वार सहित कई महानगरों के लिए सीधे ट्रेनें है।

डिजिटल डिस्पले जारी
फिलहाल पहले चरण में आरक्षण चार्ट को प्लेटफार्म पर लगाना व डिजिटल डिस्प्ले करना जारी रहेगा। यात्रियों से होने वाली रेलवे की मंशा सभी स्टेशनों पर इलेक्ट्रानिक प्लाज्मा डिस्प्ले चार्ट लगाने की है। इससे पहले पूर्वी रेलवे ने विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में आरक्षित बोगियों से रिर्जेवशन चार्ट हटा दिए थे।

कागज बचाने की पहल
रेलवे ने कागज बचाने केउद्देश्य से इस तरह की व्यवस्था शुरू कर रहा है। आने वाले दिनों में रेलवे पेपरलेस वर्किंग करना चाहता है। इस कड़ी में रेलवे एक कड़ी ओर जोडऩे जा रहा है।

खास उपयोग नहीं है
यह पेपरलैस वर्किंग की तरफ एक कदम है। अब इसकी उपयोगिता भी कम हो गई है। प्रत्येक यात्री के पास मोबाइल है। फिर भी कुछ समय के लिए स्टेशनों पर चार्ट रहेंगे, बाद में कम्प्यूटराइज्ड चार्ट सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा।'
सीआर कुमावत, वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक

कार्मिक का खर्च
सभी ट्रेनों पर रोजाना कागज का आरक्षण चार्ट चिपकाने में एक कर्मचारी की ड्यूटी रहती है, साथ ही भारी मात्रा में कागज व अन्य सामग्री भी उयपोग में आती है। इसकी बचत हो जाएगी। आजकल हर किसी यात्री को मोबाइल पर आरक्षण, बर्थ व कोच की जानकारी मिल जाती है। ऐसे में कोच पर चार्ट देखने की दरकार नहीं रहती है।