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राजस्थान में यहां मलबा उगल रहा सोना-चांदी, पूरे दिन होती है छनाई, रात-दिन रहता है पुलिस का कड़ा पहरा

मलबे से सोने-चांदी के आभूषण और टुकड़े तो जरूर निकल रहे हैं, लेकिन यह कुछ परिवारों के लिए दुख की कहानी भी है। क्योंकि इसी मलबे के नीचे दबकर 11 लोगों की जान चली गई थी।

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rubble is spewing gold and silver

मलबे से सोना-चांदी छानते मजदूर (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। मलबे से खजाना मिलने की खबर जितनी सुनने में आकर्षक लगती है, कहीं इससे अधिक इस मलबे में गम दबा हुआ है। इसी मलबे ने जिन 11 लोगों की जिंदगी छीन ली, उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ है। करीब ढाई महीने बाद भी जब मलबे से आभूषण बनाने के औजार मिलते हैं तो परिजनों की आंखें नम हो जाती हैं। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक रोजाना मलबे की छनाई का काम जारी है, जो अभी कई दिनों तक चलने वाला है।

दरअसल, यह पूरा मामला बीकानेर जिले के सिटी कोतवाली इलाके के पास स्थित मदान मार्केट से जुड़ा है। यहीं पर मौजूद एक बहुमंजिला इमारत बीती 7 मई को ढह गई थी। इमारत के मलबे में दबने से 11 लोगों की जान चली गई थी। मार्केट में सोने-चांदी के आभूषण तैयार करने वाले कई कारीगरों की दुकानें थी।

चीख-पुकार के बीच किसी ने नहीं देखे गहने

हादसे के बाद मलबे को को हटाकर पहले शवों को बाहर निकाला गया था। इस बीच सोना-चांदी कहां दब गया भला इसका ध्यान किसी का कहां जाता, क्योंकि सोने-चांदी से ज्यादा अपनों को खोने का गम भी इसी मलबे में दब गया था। लेकिन यह भी सच था कि इसी मलबे के नीचे लाखों कीमत के आभूषण भी दबे थे। हादसे को हुए करीब ढाई महीने का वक्त बीत गया लेकिन अब भी मलबे की छनाई चल रही है।

मलबे के पास किसी को जाने नहीं दिया जाता

हादसे के बाद पूरे मलबे को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर पुराने जेल परिसर में खाली पड़े मैदान में रखवा दिया गया था, लेकिन सोने-चांदी के आभूषण होने की वजह से इस मलबे के पास किसी को जाने नहीं दिया जाता। इस मलबे की निगरानी का जिम्मा नगर निगम के पास है।

तालाबंद पेटी में रखे जा रहे आभूषण

अब नगर निगम कार्मिकों और होमगार्ड की निगरानी में मजदूर रोजाना क्विंटलों मिट्टी, कंकर आदि को छान रहे हैं। इस दौरान सोने-चांदी के आभूषण और टुकड़े व कुछ सामान मिल रहे हैं। इन सोने-चांदी के सामानों को एक तालाबंद पेटी में सुरक्षित रखा जा रहा है। नगर निगम की तरफ से दिन-रात इस मलबे की निगरानी रखी जा रही है।

अपनों के औजार देख नम हो जाती हैं आंखें

मलबे की छनाई के दौरान मदान मार्केट हादसे में अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले परिवार भी आते रहते हैं। जैसे-जैसे मलबे को छाना जा रहा है सोना -चांदी के आभूषण, स्वर्ण व्यवसाय में काम आने वाले औजार, डाई, डाई कटिंग पीस आदि भी निकल रहे हैं। ऐसे में अपने परिवार की दुकानों के औजार देखकर कई बार परिजनों की आंखें भी नम हो जाती हैं।

सुबह से शाम तक छान रहे मलबा

पुरानी जेल परिसर में रखे मलबे को छानने का काम सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलता है। लोहे की दो बड़ी जाली यानि जाल से मिट्टी को छाना जा रहा है। छनाई के बाद भी बारीक मिट्टी को अलग सुरक्षित रखा जा रहा है, क्योंकि इस मिट्टी में भी सोना -चांदी के छोटे-छोटे बारीक टुकड़े होने की संभावना है। अभी तक निकले सोना -चांदी को एक तालाबंद पेटी में सुरक्षित रखा गया है।

10 दिन में पूरा छन जाएगा मोटा मलबा

मलबे को छानने का कार्य करने वाले मजदूरों का कहना है कि रोज तीन से चार ट्रॉली मलबे को छाना जा रहा है। मार्केट से करीब 30 से 45 ट्रॉली मलबा निकला है। ऐसे में मलबे को छानने में अभी 10 दिन और लग जाएंगे। निगम की ओर से चौबीसों घंटे मलबे की निगरानी रखी जा रही है। किसी को भी मलबे के पास नहीं आने दिया जाता है। हालांकि, मोटे मलबे की छनाई के बाद बारीक मलबे की भी छनाई होना है। ऐसे में और भी समय लग सकता है।