
राशन घोटालों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई कि कागजों में बंटे राशन की परतें फिर खुलने लगी हैं। कोलायत तहसील के गडि़याला निवासी डूंगरराम का राशन उसके क्षेत्र से एक सौ किलोमीटर दूर दासौड़ी स्थित उचित मूल्य दुकानदार के यहां से उठ गया, जबकि इस संबंध में उपभोक्ता को कोई जानकारी तक नहीं है।
एेसे की कुछ और मामले भी क्षेत्र में उजागर हुए हैं, जो राशन वितरण व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं।
वितरण के ऑनलाइन रिकॉर्ड को देखें तो उपभोक्ता डूंगरराम के खाते से दासौड़ी स्थित उचित मूल्य दुकानदार लाधूराम (एफपीएस कोड 2919) के यहां से 31 जनवरी, 2017 को 120 किलो गेहूं का उठाव किया गया है, जबकि उपभोक्ता की उचित मूल्य दुकान गडि़याला में है।
इसी गांव के उपभोक्ता सुमान खां की मृत्यु हुए करीब एक वर्ष बीत गया, लेकिन इसके नाम का राशन भी ग्राम सेवा सहकारी समिति गडि़याला से 12 सितम्बर, 2017 को उठ गया। इसी समिति से हनीफ खां नामक व्यक्ति के राशन का उठाव उसकी मृत्यु के बाद हुआ है। गांव के फूसाराम, बुद्धाराम, ओमप्रकाश, नत्थूराम मेघवाल तथा लालूराम के नाम भी राशन का अनियमित उठाव दर्शाया गया है।
कई मामलों में तो संबंधित उपभोक्ताओं को कोई जानकारी तक नहीं है। सूत्रों की मानें तो अकेले गडि़याला में करीब १७ सौ राशन कार्ड हैं, जिसमें खाद्य सुरक्षा सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थी शामिल हैं।
दूसरे दिन भी हुई गिनती
उधर, सर्वोदय बस्ती में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से जब्त किए गए माल की तुलाई और उसकी गिनती का काम रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। ब्यूरो की टीम ने करीब एक पखवाड़े पूर्व यहां राशन गोदाम को सील करने की कार्रवाई की थी।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया ने बताया कि गोदाम में करीब 15 हजार गेहूं के कट्टों की गिनती और उनमें भरे माल का भौतिक सत्यापन होना है। दो दिन चली कार्रवाई में करीब ६ हजार कट्टों का सत्यापन किया जा चुका है। पूनिया के अनुसार भौतिक सत्यापन कार्य पूर्ण होने के बाद ही अनियमितताओं से जुड़ी शिकायतों की जांच शुरू की जा सकेगी।
भेज रहे राशन
गोदाम में रखे माल को सीधे ही अब उचित मूल्य दुकानों पर भेजने की कार्रवाई की जा रही है। गोदाम सील होने के कारण इस माह उचित मूल्य दुकानों पर माल की पहुंच समय पर नहीं हो पाई थी। ज्ञात हो कि 'राजस्थान पत्रिका' ने 'गरीब के राशन में घोटालों की गांठ' अभियान के माध्यम से कागजों में बंटे राशन की पोल खोली थी। इसके बाद जयपुर मुख्यालय के निर्देश पर यहां नौ अधिकारियों के दल ने रिकॉर्ड खंगाले थे।
Published on:
30 Oct 2017 09:38 am
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