जीवन में भक्ति नहीं, तो निर्जीव समान श्रीराम कथा में कथा व्यास संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि मानस में आया है और जीवन में भक्ति नहीं है, तो निर्जीव समान है। हर सांस में भगवान का नाम ही उच्चारित होना चाहिए।
व्यास पीठ का पूजन
मंगलवार को कथा शुभारम्भ से पूर्व मुख्य यजमान गोसेवी पदमाराम कुलरिया व धर्मपत्नी हरप्यारी देवी कुलरिया, संत दुलाराम कुलरिया की धर्मपत्नी रामप्यारी देवी, उगमाराम-चंपा देवी, देवाराम-जमना देवी, मघाराम-नेनी देवी, कानाराम-मुन्नी देवी, शंकर कुलरिया-पार्वती देवी, धर्मचंद कुलरिया-मीरा देवी, भंवर कुलरिया-मुन्नी देवी, सुरेश-सुष्मिता देवी, नरेश, पुखराज, पंकज सहित परिवारजनों व रिश्तदारों ने रामायण व व्यास पीठ का पूजन करके आरती उतारी।
मंगलवार को कथा शुभारम्भ से पूर्व मुख्य यजमान गोसेवी पदमाराम कुलरिया व धर्मपत्नी हरप्यारी देवी कुलरिया, संत दुलाराम कुलरिया की धर्मपत्नी रामप्यारी देवी, उगमाराम-चंपा देवी, देवाराम-जमना देवी, मघाराम-नेनी देवी, कानाराम-मुन्नी देवी, शंकर कुलरिया-पार्वती देवी, धर्मचंद कुलरिया-मीरा देवी, भंवर कुलरिया-मुन्नी देवी, सुरेश-सुष्मिता देवी, नरेश, पुखराज, पंकज सहित परिवारजनों व रिश्तदारों ने रामायण व व्यास पीठ का पूजन करके आरती उतारी।
संतों का अभिनंदन
संत समागम में आए रोड़ा धाम महंत भंवरदास, संत पांचाराम मेड़ता, ईश्वरनाथ लिखमासर, गिरधारीनाथ जसरासर, भुकनगिरि चुराई धोरा, सरस्वती नाथ राजलदेसर, आचार्य शिव शास्त्री वृंदावन, प्रहलाददास महाराज बुटाटी धाम, लक्ष्मणनाथ दावा आदि साधु-संतों सहित विशिष्ट अतिथियों का गोसेवी पदमाराम कुलरिया व पुत्र कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया ने अभिनंदन किया।
संत समागम में आए रोड़ा धाम महंत भंवरदास, संत पांचाराम मेड़ता, ईश्वरनाथ लिखमासर, गिरधारीनाथ जसरासर, भुकनगिरि चुराई धोरा, सरस्वती नाथ राजलदेसर, आचार्य शिव शास्त्री वृंदावन, प्रहलाददास महाराज बुटाटी धाम, लक्ष्मणनाथ दावा आदि साधु-संतों सहित विशिष्ट अतिथियों का गोसेवी पदमाराम कुलरिया व पुत्र कानाराम-शंकर-धर्म कुलरिया ने अभिनंदन किया।