
टैक्स वसूली में फिसड्डी स्पेरो कंपनी को दिया 1 करोड़ 30 लाख रुपए मेहनताना
बिलासपुर . नगर निगम प्रशासन दीगर प्रांत की कंपनियों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। इधर कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं, बिजली बिल का बकाया लगभग 8 करोड़ तक पहुंच गया, माली हालत बेहद खस्ता है। इसके बावजूद टैक्स वसूली में फिसड्डी स्पैरो सॉफ्टेक कंपनी को 1 करोड़ 39 लाख रुपए और कचरा संकलन करने वाली एमएसडब्ल्यू साल्यूशन को पौने 4 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया।
राज्य शासन ने निकायों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में निकायों के राजस्व वसूली का ठेका निजी कंपनियों को दे दिया, लेकिन सरकार को यह दांव उल्टा पड़ गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिलासपुर नगर निगम के राजस्व की वसूली 90 फीसदी होने के बावजूद बिलासपुर नगर निगम में राजस्व वसूली का ठेका रांची के स्पैरो सॉफ्टेक कंपनी को कुल वसूली के 7.5 फीसदी कमीशन पर दे दिया। कंपनी ने 1 अप्रैल के बजाए ढाई माह बाद 15 जून 2017 को यहां राजस्व कामकाज संभाला। तब तक निगम के राजस्व विभाग के कर्मचारी 4 करोड़ की वसूली कर चुके थे। कंपनी को सहयोग के लिए नगर निगम का पूरा अमला दे दिया गया। इसके बावजूद कंपनी ने न तो किसी माह टारगेट के मुताबिक वसूली की और न ही वित्तीय वर्ष के समाप्ति के अंतिम दो माह के लिए दिए गए टारगेट को पूरा किया। इससे संपत्ति और समेकित कर के 24 करोड़ 75 लाख के टारगेट के जवाब में अभी तक जहां निगम के द्वारा पूर्व में की गई वसूली और बाद में किए गए सहयोग के बाद कुल 20 लाख की वसूली ही की जा सकी। वहीं जलकर के 13 करोड़ के जवाब में 3 करोड़ 64 करोड़ की वसूली की जा सकी।
नोटिस का खेल
कमजोर वसूली के कारण निगम को आर्थिंक तंगहाली के दौर से गुजरना पड़ा वहीं निगम के अफसर नोटिस-नोटिस का खेल-खेलते रहे। कमजोर वसूली और तमाम गड़बडिय़ां सामने आने और निगम को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाने के बाद भी निगम प्रशासन ने स्पैरों सॉफ्टेक कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की उल्टे कंपनी को बतौर कमीशन 1 करोड़ 39 लाख का भुगतान कर दिया गया।
दिल्ली की कंपनी को 3.71 करोड़ भुगतान
कचरा संकलन और कचरे का संपूर्ण निदान करने का ठेका लेने वाली दिल्ली के एमएसडब्ल्यू साल्यूशन को भी 3 करोड़ 71 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। जबकि लगातार चेतावनी के बावजूद कंपनी ने न तो कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई, न ही वाहनों की। उल्टे निगम के कर्मचारियों से अवकाश के दिन कंपनी के गाडिय़ों का लॉक बुक भराने के लिए बेगारी भी
कराई गई।
लेखा-राजस्व विभाग में नहीं सामंजस्य
निगम के लेखा और राजस्व विभाग के बीच सामंजस्य का किस कदर आभाव है, इसका उदाहरण भी सामने है। राजस्व विभाग जहां जलकर के टारगेट को 13 करोड़ बता रहा है। वहीं निगम के लेखा शाखा के रिकॉर्ड में टारगेट 8 करोड़ 50 लाख रुपए बताया जा रहा है।
निगम आयुक्त के निर्देश पर स्पैरो साफ्टेक कंपनी को 1 करोड़ 39 लाख रुपए कमीशन, और एमएसडब्ल्यू साल्यूशन को 3 करोड़ 71 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।
अविनाश बापते, लेखाधिकारी, नगर निगम बिलासपुर
Published on:
21 May 2018 12:09 pm
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