
तबादला (फोटो सोर्स: पत्रिका)
CG News: बिलासपुर जिले के छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों के सामने अब बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। शासन ने अचानक जिले के 32 हॉस्टल अधीक्षकों का तबादला बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में कर दिया है। इसके बाद जिले के अधिकतर छात्रावासों में अधीक्षक ही नहीं बचे। नतीजतन छात्रावासों की देखरेख और अनुशासन बनाए रखने का संकट खड़ा हो गया है।
जिले में संचालित आदिवासी और बालक-बालिका छात्रावासों में लंबे समय से अधीक्षकों की कमी रही है। अब जिन अधीक्षकों को यहां जिम्मेदारी दी गई थी, उनका तबादला कर देने से स्थिति और बिगड़ गई है।
कई छात्रावास पूरी तरह सूने हो गए हैं। छात्र-छात्राओं के भोजन, सुरक्षा और नियमित गतिविधियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। आदिवासी विभाग ने अस्थायी समाधान के तौर पर स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों को अटैच करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में वर्तमान में कई शिक्षकों को छात्रावास अधीक्षक का प्रभार दे दिया है, जिसके चलते स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी हो रही है।
अधीक्षकों का तबादला होने का नतीजा यह कि बच्चों की पढ़ाई, भोजन और सुरक्षा सब भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। समाधान के नाम पर शिक्षा विभाग के शिक्षकों को अटैच कर दिया गया है, यानी जो पहले से ही कक्षाओं में कम थे, अब वे हॉस्टल में चौकीदारी भी करेंगे। शिक्षक अब यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे स्कूल में जाकर पढ़ाएं या हॉस्टल की जिम्मेदारी निभाएं।
जिले के तखतपुर, बिल्हा, मस्तूरी, बिलासपुर शहर और कोटा के 32 छात्रावासों के अधीक्षकों का बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में ट्रांसफर हुआ है। शासन ने बिलासपुर में केवल 3 नए अधीक्षक भेजे हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को छात्रावासों के अधीक्षक का प्रभार दिया जा रहा है। - प्रकाश लहरे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बिलासपुर।
Published on:
15 Sept 2025 11:45 am
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