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Bilaspur High Court: अरपा में गंदा पानी रोकने HC में 103 करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तुत, इन तीन जगहों में बनेंगे एसटीपी, जानें

Bilaspur High Court: बिलासपुर जिले के रिहायशी क्षेत्रों से अरपा में गिर रहे गंदे पानी को रोकने के लिए नगर निगम ने गुरुवार को हाईकोर्ट में 103 करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तुत की।

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Bilaspur High Court: बिलासपुर जिले के रिहायशी क्षेत्रों से अरपा में गिर रहे गंदे पानी को रोकने के लिए नगर निगम ने गुरुवार को हाईकोर्ट में 103 करोड़ की कार्ययोजना प्रस्तुत की। इसके अनुसार नदी में गिरने वाले पानी की सफाई के लिए अरपा में 4 एसटीपी निगम बना रहा है। निगम का दावा है कि मार्च 2026 तक चारों एसटीपी पूरे हो जाएंगे। इसमें 30 करोड़ की लागत से मंगला में 2 और कोनी व जवाली नाला पर 1-1 एसटीपी के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है।

अब इसके साथ ही निगम ने तीन और एसटीपी बनाने का फैसला लिया है। इसमें चिंगराजपारा में 40 एमएलडी का, तिलकनगर में 4 एमएलडी का और शनिचरी में 8 एमएलडी का एसटीपी बनाया जाएगा। इसके लिए 103 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद टेंडर और वर्क आर्डर किया जाएगा।

बिना शुद्धिकरण पानी छोड़ना खतरनाक

निगम अधिकारियों के अनुसार प्रथम चरण में शिवघाट बैराज से पचरी घाट बैराज के बीच प्रवाहित नालों के दूषित जल की रोकथाम होगी। इसमें एनजीटी के नियमों के पालन का दावा भी किया जा रहा है। इसके माध्यम से गंदे पानी को साफ किया जाएगा। इन एसटीपी की क्षमता कितनी होगी और यह कितना पानी साफ कर पाएंगे इस पर सवाल है। लगातार जा रहे गंदे पानी के कारण नदी प्रदूषित हो रही है। दोनों बैराज बनने के बाद अरपा में बने बैराज में रुके पानी का शुद्धिकरण नहीं हुआ तो यह और गंदा होते जाएगा।

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सूडा परीक्षण के बाद आवंटित करेगा राशि

राज्य शहरी विकास प्राधिकरण (सूडा) की ओर से कोर्ट में कहा गया कि निगम के इस प्रस्ताव का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम बिलासपुर पहुंचकर पूरे प्रोजेक्ट की जांच करेगी। इसके बाद ही राशि का आवंटन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर पुणे की कंपनी ब्लू स्ट्रीम इंफ्रा डवलपमेंट कंसलटेंट ने बनाई है। उल्लेखनीय है कि करीब 4 करोड़ लीटर गंदा पानी रोज नदी में बहाया जा रहा है। शहर के नाले- नाली, सीवरेज प्रोजक्ट, कचरा, मलबा सब अरपा में गिर रहे हैं।