
CG High Court: जल संसाधन विभाग में रेगुलर अफसर रहते हुए एसई लिस्ट में सबसे नीचे वाले को प्रभारी बनाकर सीई की कुर्सी सौंप दी गई। प्रमोशन में हुई इस गड़बड़ी पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए एफआईआर की चेतावनी दी। इसके बाद सीनियारिटी के अनुसार पोस्टिंग दी गई।
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने नाराजगी जताते हुए विभाग के आला अफसर से पूछा कि नियम कानून क्यों नहीं मानते। याचिकाकर्ता के प्रकरण का अब तक निराकरण क्यों नहीं किया गया। यह तो अवमानना का मामला बनता है। हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी कर कहा है कि आज ही प्रकरण का निराकरण किया जाए नहीं तो एफआईआर के आदेश जारी किए जाएंगे। एफआईआर के डर से डिपार्टमेंट ने तत्काल फाइल चलाई और याचिकाकर्ता जेआर भगत को सीई बना दिया है।
जल संसाधन विभाग में अधीक्षण अभियंता से प्रमोशन पाए अरुण साय ने वरिष्ठता दरकिनार कर जूनियर सतीश टेकाम को मुख्य अभियंता (सीई) बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने विभाग को आठ सप्ताह में निराकरण का निर्देश दिया। विभाग ने निराकरण के बजाय अरुण साय को बिलासपुर का इंचार्ज सीई बना दिया, जबकि वहां पहले से जेआर भगत रेगुलर सीई पदस्थ थे। एडजस्टमेंट के लिए भगत को सीएसआईडी में डेपुटेशन पर भेजा गया।
Published on:
09 May 2025 10:44 am
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