11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bilaspur High Court: विधायकों के वेतन और पेंशन नियम की वैधता पर HC में बहस, मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

Bilaspur High court: पूर्व विधायक के 1996 में निधन के बाद उनकी पत्नी ने कुटुंब पेंशन प्राप्त करने के लिए राज्य शासन एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया..

2 min read
Google source verification
CG Constable Transfer: नक्सली हमले में घायल जवान को बड़ी राहत! सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें वजह?

Bilaspur High court: प्रदेश के विधायकों के वेतन और पेंशन के लिए तय मापदण्डों की वैधता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

Bilaspur High court: पूर्व विधायक के निधन के बाद पत्नी ने की थी पेंशन की मांग

Bilaspur High court: याचिकाकर्ता पुष्पा देवी खत्री के पति स्वर्गीय मिश्रीलाल खत्री पूर्व विधायक थे। उनका कार्यकाल वर्ष 1977 से 1979 तक था। पूर्व विधायक के 1996 में निधन के बाद उनकी पत्नी ने दिवंगत पूर्व विधायक पति की कुटुंब पेंशन प्राप्त करने के लिए राज्य शासन एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया।

यह भी पढ़ें: Bilaspur High Court: तबादले पर हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, कहा- शैक्षणिक सत्र के बीच में न करें ट्रांसफर

आवेदन पर विचार के बाद विधानसभा सचिव ने उनका आवेदन खारिज कर दिया। आवेदन इस आधार पर निरस्त किया गया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन नियम 2006 के नियम 3 घ के अनुसार कुटुंब पेंशन केवल उन प्रकरणों में प्रदान की जा सकेगी जिसमें पूर्व विधानसभा सदस्य की मृत्यु 2005 के बाद हुई हो।

CG High Court: वेतन और पेंशन बहान करने की रखी मांग

CG High Court: वर्तमान प्रकरण में पूर्व विधायक मिश्रीलाल की मृत्यु 1996 में हो चुकी है, इसलिए पेंशन नहीं दी जाएगी। इसके विरुद्ध पुष्पा देवी ने अधिवक्ता सुशोभित सिंह के माध्यम से विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन के नियम 3 घ की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी तथा तत्काल पेंशन बहाल करने की माँग की।

याचिका में कहा-मूल अधिनियम का उल्लंघन नहीं कर सकती सरकार

याचिका में बताया गया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन अधिनियम 1972 की धारा 6 ख के अनुसार पूर्व विधायक की मृत्यु दिनांक से पूर्व विधायक के सदस्य पेंशन प्राप्त करने के पात्र होंगे। जबकि नियम 3 घ छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन तथा पेंशन अधिनियम 1972 की धारा 6 ख के सर्वथा विपरीत है तथा मूल अधिनियम के प्रावधान का स्पष्ट उल्लंघन करता है। याचिका में बताया गया कि कार्यपालिका द्वारा बनाया गया कोई भी नियम मूल अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन नहीं कर सकता।