25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शहर को स्मार्ट सिटी बनाने वाला नगर निगम खुद अपडेट नहीं, लोगों की शिकायतों का भी नहीं हो रहा निराकरण

केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी की सूची में करीब दो वर्ष पूर्व शहर को शामिल किया था। स्मार्ट सिटी के लिए केन्द्र सरकार ने शहर को विकास और व्यवस्था के लिए लगातार राशि उपलब्ध कराई है। स्मार्ट सिटी में बड़े-बड़े विकास कार्यें के साथ लोगों को ऑनलाइन अपडेट रखने और इंटरनेट से जुड़े रहने की व्यवस्था की जानी है।

2 min read
Google source verification
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने वाला नगर निगम खुद अपडेट नहीं, लोगों की शिकायतों का भी नहीं हो रहा निराकरण

शहर को स्मार्ट सिटी बनाने वाला नगर निगम खुद अपडेट नहीं, लोगों की शिकायतों का भी नहीं हो रहा निराकरण

बिलासपुर. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने वाला नगर निगम खुद अपडेट नहीं है। शासन की योजनाओं को लोगों को बताने बनाई गई नगर निगम की वेबसाइट में आज भी महापौर किशोर राय और आयुक्त सौमिल रंजन चौबे हैं। लोगों के सुझाव और समस्याओं को जानने के लिए उनकी शिकायत और राय वेबसाइट के जरिए ले ली गई, लेकिन उन शिकायतों का आज तक निराकरण नहीं हुआ। हाल तो यह है कि नगर निगम के काम और व्यवस्था को आज भी लोग शिकायत करते हुए कोस रहे हैं।

केन्द्र सरकार ने स्मार्ट सिटी की सूची में करीब दो वर्ष पूर्व शहर को शामिल किया था। स्मार्ट सिटी के लिए केन्द्र सरकार ने शहर को विकास और व्यवस्था के लिए लगातार राशि उपलब्ध कराई है। स्मार्ट सिटी में बड़े-बड़े विकास कार्यें के साथ लोगों को ऑनलाइन अपडेट रखने और इंटरनेट से जुड़े रहने की व्यवस्था की जानी है।

एक बार चुनाव कार्यक्रम बना फिर लॉकडाउन के चलते स्थगित हुआ, हालात सामान्य होने पर उपचुनाव

निगम सीमा क्षेत्र में रहने वालों को बेहतर व्यवस्था देने और सरे काम त्वरित करने की व्यवस्था का जिम्मा भी नगर निगम का है, लेकिन हाल तो यह हैं कि नगर निगम की वेबसाइट में आज भी महापौर का नाम किशोर राय और आयुक्त सौमिल रंजन चौबे है, जबकि किशोर राय और सौमिल रंजन चौबे को निगम से हटे कई महीने बीत चुके हैं।

सराहना कम, कोस रहे ज्यादा लोग

शहर में रहने वाले सभी व्यक्ति नगर निगम से जुड़े हैं उनके सारे काम नगर निगम से होने हैं। पानी, सड़क, सफाई से लेकर संपत्ति कर और नाली निर्माण सभी काम निगम से पूरे होते हैं। निगम में लोगों को भटकना पड़ता है। लोगों ने निगम अधिकारियों को वेबसाइट के जरिए शिकायतें और सुझाव भी दिए हैं, लेकिन आज तक शिकायतों का निराकरण और सुझावों पर अमल नहीं हुआ है।

18 से अधिक शिकायतें

निगम की वेबसाइट में वर्तमान में 18 लोगों ने अपनी शिकायतें बताई हैं, जिसमें आवारा कुत्तों के आतंक की समस्याएं, सफाई और निगम से जनहित के काम नहीं होने की बात कही गई है। अधिकांश शिकायतें आज भी यथावत हैं। अब लोग निगम के काम को घटिया बताने लगे हैं।

ये भी पढ़ें: अगर मैं आदिवासी नहीं हूं, तो आखिर मेरी जाति क्या है-अमित जोगी