
Bilaspur News: प्रदेश की दुष्कर्म पीड़िताओं को मुआवजा मिलने में परेशानी को लेकर दायर जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान शासन ने मंगलवार को बताया कि पिछले सत्र 2023 -24 के लिए 40 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें से 20 करोड़ का मुआवजा जारी कर दिया गया है। मामले में अब दो जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।
देश में महिलाओं के साथ होने वाले अनाचार के बाद इससे प्रभावित पीड़िताओं के लिए केंद्र शासन ने वर्ष 2018 में मुआवजा देने का प्रावधान करते हुए योजना बनाई थी। इसके लागू होने के बाद से प्रदेश में भी इस प्रकार की घटनाओं की पीड़ित महिलाओं को मुआवजा देने की शुरुआत कि गई। इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया गया। राज्य में इस योजना के तहत करीब 6 हजार आवेदन सरकार को मिले, इनमें से अधिकाँश को मुआवजा नहीं मिल सका। राज्य शासन ने इसे राष्ट्रीय विधिक सेवा (नालसा) की योजना बताकर इस पर पहले विशेष ध्यान नही दिया।
इस बीच जो लोग अदालत की शरण में जाते थे उन्हें यह मुआवजा बाद में मिल जाता था। इसी तरह प्रदेश में 36 मामलों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सत्यभामा अवस्थी ने एडवोकेट देवेश कुमार के माध्यम से जनहित याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि, सन 2018 की इस योजना का पूरी तरह क्रियान्वयन किया जाए।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान बताया गया कि सन 2021 के आदेश में अवार्ड हुआ था ,मगर अब तक सिर्फ 7 लोगों को ही राशि मिली है। इस दौरान 27 करोड़ की तुलना में सिर्फ 13 करोड़ ही दिये जा सके। वर्ष 2024 के पिछले सत्र की जानकारी में सिर्फ 20 करोड़ फंड ही जारी होने कि जानकारी दी गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने शासन से इस बारे में जवाब तलब करते हुए आगामी दो जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की है।
Published on:
30 Apr 2025 12:53 pm
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