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बीयू ने रिजल्ट में गड़बड़ी का ठीकरा कॉलेजों पर फोड़ा

बीयू प्रशासन ने सभी कॉलेजों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

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बीयू ने रिजल्ट में गड़बड़ी का ठीकरा कॉलेजों पर फोड़ा

बिलासपुर. बीयू ने एमए इकॉनामिक्स फायनल ईयर के रिजल्ट में गडबडी का ठीकरा 18 कॉलेजों पर फोडते हुए कहा है कि फार्म की जांच किए बिना विश्वविद्यालय को भेजने से सारी गडबडी हुई है। कॉलेजों को चाहिए था कि विश्वविद्यालय को फार्म भेजते समय सभी फार्म की प्रापर जांच कर लें। इसके बाद सभी भेजते। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, सिर्फ औपचारिकता निभाई और जांच के नाम पर खानापूर्ति कर फार्म भेज दिए गए। बीयू प्रशासन ने इन सभी कॉलेजों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है। ये भी कहा है कि अगर कॉलेजों ने इस काम की फीस ली है तो अपना काम ईमानदारी से करते। बीयू ने एमए इकॉनामिक्स फायनल ईयर के फार्म में गलती के लिए जिन कॉलेजों को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें एसबीटी, सीएमडी, जेपी वर्मा, डीपी विप्र, एसबीटी, केशरवानी कालेज कोटा, डॉ. भंवरराम पोर्ते कालेज पेंड्रा, केआर लॉ कालेज, एसएनजी कालेज मुंगेली, एमएमआर कालेज चांपा, टीसीएस कालेज जांजगीर, लक्ष्मणेश्वर कालेज खरौद, पीजी कालेज कोरबा, लोचन प्रसाद कालेज, उत्तम मेमोरियल कालेज, एरिसेंट कालेज एवं केएन कालेज शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला : विद्यार्थियों को सता रही अपने भविष्य की चिंता : बीयू ने एमए इकॉनामिक्स फायनल ईयर के छात्रों की परीक्षा ली। छात्र परीक्षा में शामिल भी हुए लेकिन जब रिजल्ट जारी किया तो छात्रों को उस विषय में अनुपस्थित बता दिया। इस गलती से छात्रों के एक वर्ष बरबाद हो जाने का खतरा है। छात्र दोबारा परीक्षा लिए जाने की मांग पर अडे हैं। इसके लिए मंगलवार को बकायदा विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा नियंत्रक से मुलाकत की। सारी गडबडी इसलिए भी हुई कि एमए इकानामिक्स में नियम है कि छात्रों को एक्सट्रा विषय का चयन करना होता है, जिसे फायनल में बदलना होता है। छात्रों ने प्रीवियस के विषय को ही फायनल में ले लिया और परीक्षा दे दी। हालांकि इसके लिए कालेज प्रमुख रुप से जिम्मेदार हैं, अगर फार्म की जांच करते तो ये गलती पकड में आ जाती। सारा बखेडा ही समाप्त हो जाता। अब इस मामले में कुलपति के गुरुवार को आने के बाद ही निर्णय होगा।