
Board Exam: क्लॉस प्रमोशन सिस्टम का असर स्कूली शिक्षा में साफ देखा जा सकता है। स्थिति ये है कि सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं के बीच पढ़ने वाले अधिकतर छात्रों की संख्या ऐसी दिखती है, जिन्हें वर्तमान में रीडिंग और राइटिंग में भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। (CG Board exam 2024) लिहाजा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार करते हुए एक बार फिर से 5वीं और 8 वीं बोर्ड परीक्षा शुरू किए जाने पर विचार चल रहा है।
पहले पांचवीं व आठवीं में होती थी बोर्ड परीक्षा
पहले पांचवीं व आठवीं बोर्ड परीक्षाओं में गिनी जाती थी तब उसी हिसाब से बच्चे पूरा मन लगा कर पढ़ाई करते थे। बाद में बोर्ड समाप्त कर इसे भी होम एग्जाम के दायरे में ला दिया गया, जो अब भी लागू है। इसमें क्लास प्रमोशन सिस्टम लाया गया। यानी हर हाल में छात्र को पास करना है। इस बात को लेकर छात्र निश्चिंत हो जा रहे हैं कि पढ़ें या न पढ़ें पास तो हो ही जाएंगे।
इसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा है। लिहाजा इसे लेकर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सत्र 2024-25 में ही बोर्ड परीक्षाएं चालू करने के संकेत भी दे दिए हैं। बतादें कि कोरोना काल में पास हुए बच्चों पर भी इसी तरह का असर साफ देखा जा सकता है। लॉकडाउन के बाद जब फिर से क्लासेस शुरू हुईं, तब विद्यार्थियों की हैंडराइटिंग से लेकर रीडिंग स्किल्स तक प्रभावित हो गई थी।
शिक्षकों की भी होगी ग्रेडिंग
मिली जानकारी के अनुसार डीपीआई ने बोर्ड परीक्षा के लिए जो प्रारूप बनाया है, उसके अनुसार परीक्षा पूरी गंभीरता से ली जाएगी। इससे विद्यार्थी लगातार पठन-पाठन में जुटे रहेंगे और इससे उनमें कंपीटीशन का भाव आएगा। इससे उनका बेस मजबूत होगा। (CG Board Exam), बोर्ड परीक्षा का दूसरा फायदा यह होगा कि बच्चों को मिलने वाले मार्क्स से शिक्षकों की ग्रेडिंग होगी। दसवीं के नीचे अभी शिक्षकों की ग्रेडिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। क्योंकि, बोर्ड परीक्षा होती नहीं। प्राइमरी और मिडिल स्कूल में शिक्षकों का परफारमेंस क्या है, इसका कोई पैरामीटर नहीं है।
कार्ययोजना बनाकर लागू करें
बीते सालों में शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग तो हुए, लेकिन गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। 8वीं तक बच्चों को प्रमोट करने की जब शुरुआत हुई थी, तब पैरेंट्स काफी खुश थे, लेकिन जब इसका निगेटिव इम्पैक्ट दिखने लगा, तब यह लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया। (CG Board 2024) इन कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा खत्म कर दिए जाने से बच्चों की नींव कमजोर हो गई। अब अचानक इसे फिर से लागू कर देना छात्रों के साथ नाइंसाफी होगी। नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को उनकी मातृ भाषा में पढ़ना है, इसके लिए पहले ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति हो। (School News) पूरी कार्ययोजना तैयार हो, इसके बाद ही इसे लागू किया जा चाहिए। -विनय पाठक, शिक्षाविद् एवं पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग
मंथली एसेसमेंट भी बंद
सरकारी स्कूलों में पहले हर महीने विषयवार टेस्ट होते थे। उससे छात्रों के साथ शिक्षकों को भी पता होता था कि किस छात्र का क्या परफारमेंस है। (CGBSE Exam 2024) कुछ सालों से ये एसेसमेंट बंद हैं। लिहाजा स्कूल शिक्षा विभाग फिर से एसेसमेंट सिस्टम प्रारंभ करने जा रहा है। जिससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार आए।
5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा दोबारा शुरू करने को लेकर अभी किसी भी तरह का ऑफिशियल नोटिफिकेशन तो जारी नहीं किया गया है, लेकिन इस पर विचार जरूर किया जा रहा है। -टीआर साहू, जिला शिक्षा अधिकारी
Updated on:
25 Feb 2024 12:25 pm
Published on:
25 Feb 2024 12:12 pm
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