8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG Education: अब ई-बुक्स बनी युवाओं की पहली पसंद, ऑॅनलाइन टेस्टिंग प्लेटफॉर्म्स का सबसे ज्यादा कर रहे इस्तेमाल

CG Education: बदलते परिवेश में छात्रों को कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारियों के लिए बीते सालों के क्वेश्चन पेपर खरीदने जैसी झंझट खत्म हो गई है। इसकी जगह अब ऑनलाइन टेस्ट सीरीज ने ले ली है।

2 min read
Google source verification
CG Education

CG Education: शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के चलते ई-बुक्स और ऑनलाइन टेस्टिंग प्लेटफॉर्म्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। महंगी और भारी-भरकम किताबों की बजाय पीडीएफ फाइल्स और ई-बुक्स छात्रों की पहली पसंद बनती जा रही हैं।

विस्तृत सामग्री: ई-बुक्स में प्रतियोगी परीक्षा के पाठ्यक्रम से संबंधित विस्तृत और संगठित सामग्री होती है, जिससे सभी विषयों को गहराई से समझा जा सकता है।

आसान पहुंच: ई-बुक्स को कहीं भी व कभी भी पढ़ सकते हैं, जिससे समय-स्थान की बाधाएं खत्म हो जाती हैं।

इंटरएक्टिव सामग्री: कई ई-बुक्स में इंटरएक्टिव फीचर्स होते हैं जैसे कि क्विज़, एनिमेशन, और वीडियो, जो सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं।

अपडेटेड जानकारी: ई-बुक्स में ताजा और अपडेटेड जानकारी होती है, जिससे नवीनतम परीक्षा पैटर्न और सिलेबस के अनुसार तैयारी करने में मदद मिलती है।

किफायती: ई-बुक्स प्रिंटेड बुक्स की तुलना में सस्ती होती हैं, जिससे आपके पैसे की बचत होती है।

यह भी पढ़ें: New education policy: CG Board की तरह अब CBSE भी साल में दो बार लेगा परीक्षा, नया पैटर्न जारी

ई-बुक्स में मिल जा रहीं अपडेटेड जानकारियां

यह न केवल सस्ता विकल्प है, बल्कि इसे कहीं भी और कभी भी एक्सेस किया जा सकता है, जिससे पढ़ाई में आसानी से हो रही है। बदलते परिवेश में छात्रों को कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारियों के लिए बीते सालों के क्वेश्चन पेपर खरीदने जैसी झंझट खत्म हो गई है। इसकी जगह अब ऑनलाइन टेस्ट सीरीज ने ले ली है।

अब छात्रों को एक ही प्लेटफार्म पर बीते वर्षों के क्वेश्चन पेपर के आधार पर तैयार किए गए मॉडल क्वेश्चन पेपर मिल जा रहे हैं। यह टेस्टिंग प्लेटफॉर्म्स छात्रों को कम्प्लीट डाटा अनिलसिस कर के देते हैं कि वह किस विषय के प्रश्नों में अधिक समय लगा रहे हैं, किस विषय को समझने में कठिनाई आ रही है। प्रश्नपत्र सोल्वे करने में कितना समय लग रहा है।

एनईपी और ई-बुक्स

नई शिक्षा नीति के तहत ई-बुक्स और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थानों में ई-लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत हो रही है। विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण साबित हो है।

एबीयू के ई-बुक्स दीवानपरीक्षा नियंत्रक डॉ. तरुण धर बोले - पर अपडेटेड जानकारियां अधिक मिल जाती हैं, जिसके चलते छात्रों का रुझान इसके प्रति बढ़ा है। ऑनलाइन टेस्टिंग सीरीज की बात की जाए तो यह छात्रों को विषय और प्रश्नों से जुडी कंप्लीट डाटा एनालिसिस करके दे देता है।