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CG High Court: लेजर बीम से आंखों को क्षति पर हाईकोर्ट सख्त, पूछा- रोक लगाने को क्या कर रहे? जानें पूरा मामला

CG High Court: लेजर बीम से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचने को हाईकोर्ट ने गंभीर मुद्दा बताया है। पत्रिका की न्यूज़ पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को शपथपत्र पर यह बताने के निर्देश दिए कि इस पर रोक के लिए क्या किया जा रहा है।

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हाईकोर्ट (Photo source- Patrika)

हाईकोर्ट (Photo source- Patrika)

CG High Court: लेजर बीम से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचने को हाईकोर्ट ने गंभीर मुद्दा बताया है। पत्रिका की न्यूज़ पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को शपथपत्र पर यह बताने के निर्देश दिए कि इस पर रोक के लिए क्या किया जा रहा है। डीजे और साउंड बॉक्स से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर लगातार सुनवाई की जा रही है। इस मुद्दे पर हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है।

पत्रिका के 13 अक्टूबर के अंक में डीजे से हो रहे ध्वनि प्रदूषण के साथ इसकी लेजर बीम से आंखों को हो रही गंभीर क्षति पर रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे भी संज्ञान में लेकर गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य शासन इसे गंभीरता से ले।

कोर्ट ने पूछा- रोक लगाने को क्या कर रहे?

हस्तक्षेप याचिकाकर्ता की ओर से भी बताया गया कि लेजर लाइट से आंखों को गंभीर नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य शासन बताए कि इस पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है। इसके लिए क्या किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 नवम्बर को रखी गई है। सुनवाई के दौरान शासन ने बताया कि डीजे और तेज साउंड बॉक्स पर रोक के लिए कोलाहल एक्ट के प्रावधानों में संशोधन किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने गृह विभाग, विधि विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रतिनिधियों की 5-सदस्यीय समिति का गठन किया है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का एक मसौदा तैयार कर इसे सचिव, आवास एवं पर्यावरण को 13 अगस्त 2025 को भेजा है। शासन की ओर से बताया गया कि प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोर्ट ने इस कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखने के निर्देश

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाने चाहिए। कोर्ट ने इसका कड़ाई से अनुपालन और इस संबंध में सभी आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे पूर्व में शासन द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र का कड़ाई से अनुपालन और इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें।