
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर (Photo source- Patrika)
CG News: सार्वजनिक रास्तों और बिजली तारों के नीचे पंडाल अब नहीं लगाए जा सकेंगे। धरना, जुलूस, सभा रैली भी का भी आयोजन बिना अनुमति के नहीं हो सकेंगे। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से उक्त जानकारी देते हुए हाईकोर्ट में गाइड लाइन प्रस्तुत की गई। सड़कों पर लगने वाले पंडाल, अस्थाई संरचनाओं को लेकर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
शासन की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 और नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत नई पॉलिसी 25 अगस्त 2025 को जारी की गई है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, संस्था, समिति या संगठन किसी सार्वजनिक खुले मैदान, सार्वजनिक मार्ग, फुटपाथ, चौराहे या स्थान पर पंडाल या अस्थाई संरचना, धरना, जुलूस, सभा रैली बिना अनुमति के नहीं कर सकेगा।
रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया था कि बिना अनुमति पंडाल, अस्थाई संरचना, धरना, जुलूस, सभा रैली करने पर सजा का प्रावधान है। शासन ने इसके लिए दो प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रथम प्रकार के दिशा निर्देश उन छोटे पंडाल, अस्थाई संरचना, धरना, जुलूस, सभा रैली के लिए रहेंगे, जहां पर अधिकतम 500 लोगों का ठहराव हो सकता है, और जो 5000 वर्गफीट से कम स्थान पर बना हो।
दूसरे प्रकार के दिशा निर्देश उन स्थानों के लिए हैं, जहां 500 से ज्यादा लोग इकट्ठे हो सकें और 5000 वर्ग फीट से ज्यादा का अस्थाई निर्माण हो। लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। शासन ने जवाब में कहा कि नया नियम लागू कर दिया गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि गणेश विसर्जन के दौरान इस नई पॉलिसी की टेस्टिंग हो सकेगी। प्रकरण की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।
नगर पालिक निगम और स्थानीय निकाय अनुमति देंगे।
मुख्य मार्गों में पंडाल की अनुमति नहीं दी जाएगी, अगर दी जाती है तो वैकल्पिक मार्ग बताना होगा।
पंडाल का निर्माण विद्युत तारों के ठीक नीचे नहीं किया जाएगा।
पंडाल, अस्थाई संरचना अग्निरोधी सामग्री से हो।
आयोजक समिति और सदस्य साफ सफाई की व्यवस्था करेंगे।
शासन गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन पर है। त्योहारों के दौरान आयोजकों और समितियों की बैठक लेकर उन्हें नियमों की जानकारी देकर पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। धरना आंदोलन या रैली बिना अनुमति हो तो कार्रवाई करना चाहिए।
Updated on:
03 Sept 2025 11:39 am
Published on:
03 Sept 2025 11:37 am
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