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CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के हथकंड़े अपनाएं जा रहे है। इसी तरह का एक मामला बिलासपुर रेलवे के पास रविवार को सामने आया। जिसमें एक महिला मरीज को ट्रेन एंबुलेंस के नाम पर डिब्बे के दरवाजे के पास फर्श पर सुलाकर यात्रा करवाई गई।
इस यात्रा के बदले एक निजी कंपनी ने उनसे 65 हजार रुपए शुल्क भी वसूल लिए जबकि पूरा मामला सामने आने के बाद रेलवे के अफसरों ने लोगों को सतर्क करते हुए बताया कि रेलवे इस तरह की कोई सर्विस ही नहीं देता। यात्रियों को ठगने के लिए लोग ऐसे पैतरे अपना रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला हावड़ा पोरबंदर एक्सप्रेस ट्रेन का है, जिसमें रायपुर तक जाने के लिए सृष्टि एक्का नाम की मरीज की बुकिंग थी। उनके हाथ, स्पाइन और पैर में कई चोटें और फैक्चर था। सृष्टि एक्का को ट्रेन के दरवाजे के पास फर्श पर सुलाकर यात्रा करवाई जा रही थी। कुछ यात्रियों के द्वारा पूछने पर परिजनों ने बताया कि उन्होंने पंचमुखी एयर एंड ट्रेन एम्बुलेंस सर्विस के नाम की कंपनी से बुकिंग करवाई थी। इसके लिए उनसे 65 हजार रुपए डिमांड किया गया था और 32500 एडवांस पेमेंट लिया गया था। बकाए पैसे यात्रा के बाद दिए जाने थे।
निजी कंपनी द्वारा ट्रेन एंबुलेंस के नाम पर मोटी रकम लेने के बाद भी मरीज को दरवाजे के पास सुला दिया गया। पूरे रास्ते मरीज वहीं लेटी रही। इसके चलते ट्रेन के दरवाजे से आवागमन भी बाधित हो रहा था। लोगों को बाथरूम और दूसरे कोच में जाने के लिए भी परेशानी हुई तो कुछ यात्रियों ने इसकी शिकायत टीटीई से की जहां जाकर टीटीई ने देखा तो उसे भी ट्रेन एंबुलेंस की पर्ची दिखाई गई। ट्रेन में 4 सीट बुक थी। मरीज की हालत को देखते हुए टीटीई ने भी उसे वहीं सफर करने दिया।
रेलवे के अफसरों से मिली जानकारी के अनुसार 14 सितंबर 2024 की टिकट की बुकिंग करवाई गई थी। धुंधले डॉक्यूमेंट के आधार पर यह पता चला कि खडगपुर से रायपुर तक की यात्रा मरीज और उसके अटेंडर के द्वारा की जा रही है। मरीज के साथ हर्ष एक्का नामक अटेंडर यात्रा कर रहा था। ट्रेन नंबर 12906 के ए (2) बोगी में यह यात्रा हो रही थी। ट्रेन एंबुलेंस के नाम से दरवाजे पर फर्श पर लिटाकर महिला मरीज को ले जाया जा रहा था।
रेलवे के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह का कहना है कि रेलवे के द्वारा इस तरह से ट्रेन एम्बुलेंस के नाम से कोई भी अनुमति नहीं दी जाती। ट्रेन एंबुलेंस की कोई भी सुविधा आम यात्रियों यहां तक कि रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी तक के लिए उपलब्ध नहीं है। हमारे यहां खुद एक अप्रेंटिस की मौत होने पर हमारे द्वारा उसके शव को एंबुलेंस के माध्यम से सडक़ मार्ग से उसके घर भुसावल भिजवाना पड़ा था। सीनियर डीसीएम अनुराग सिंह ने जनता को इस तरह की ठगी से बचने के लिए अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि आगे ऐसी निजी कंपनी से अनुबंध कर टीटीई ट्रेन में सफर करता मिलेगा तो उसे तुरंत उतार दिया जाएगा। टीटीई इस बार मानवता के नाते भले ही मरीज को रायपुर तक जाने दिया लेकिन दोबारा ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
Published on:
16 Sept 2024 08:05 am
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