
Weather forecast In Chhattisgarh: द्रोणिका और चक्रीय चक्रवाती घेरे के कारण सोमवार को लगातार तीसरे दिन रात में जमकर बारिश हुई। इसके कारण तापमान में गिरावट आई। बारिश के कारण सब्जियों में कीड़े लगने के साथ सड़न आनी शुरू हो गई है। कृषि अधिकारी के अनुसार (Monsoon) अधिक बारिश हुई तो गेहूं, चना और तिवरे की खेती भी प्रभावित होगी।
मौसम विभाग ने आने वाले दो दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई है। सोमवार को सुबह की शुरुआत में आकश मेघमय रहा। दिनभर धूप-छांव का दौर चला। करीब 7 बजे से झमाझम बारिश शुरू हुई और 45 मिनट तक बारिश होती रही। इससे शहर (Rain In Bilaspur) की सड़कें तरबतर हो गई। तापमान में गिरावट आई। सामान्य से 6 डिग्री कमी के साथ अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विज्ञानी एचपी चन्द्रा के अनुसार एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पश्चिमी विदर्भ और उसके आसपास फैला है। एक द्रोणिका दक्षिण तमिलनाडु से पश्चिमी विदर्भ तक फैली है। एक द्रोणिका झारखंड से उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश तक फैली है। इसके साथ ही प्रदेश में प्रचुर मात्रा में नमी का आगमन लगातार जारी है। इसके प्रभाव से प्रदेश में 19 मार्च को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने ,गरज चमक के साथ छींटे पड़ने अंधड़ चलने, वज्रपात होने और ओला वृष्टि होने की संभावना है। मध्यम वर्षा का क्षेत्र मुख्य रूप से कांकेर जिले और आसपास है।
IMD Update's : झमाझम बारिश के बाद शहर के डुबान क्षेत्र में सबसे आगे रहने वाले पुराना बस स्टैण्ड चौक में सड़कें जलग्न हो र्गइं। सड़क किनारे खड़े बाइकों के पहिए आधे पानी में डूबे रहे। वहीं कई दुकानों में भी पानी घुस गया। देर रात के बाद निकासी होने पर सड़क से जलभराव कम हुआ।
लगातार तीन दिनों से रात्रि में बारिश होने के कारण शहर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बाजार आने वाली सब्जी और भाजियों की मात्रा कम हो गई है। आवक कम होने से भाजियों समेत सब्जियों के दामों में 10-20 रुपए की बढ़ोतरी हुई।
monsoon Alert: धूरीपारा निवासी व किसान राकेश कश्यप ने बताया कि लगातार तीन दिनों से बारिश होने के बाद खेतों में लगी सब्जियां खराब होने लगी हैं। लौकी, तरोई , हरी धनियां, मेथी, पालक, चौलाई और लाल भाजी में सड़न आने लगी है। इसके साथ ही गोभी, बंधा के फूल भी पानी और मौसम की मार के कारण फटने और लाल होने लगे हैं। बारिश के कारण जमीन से कीड़े बाहर आकर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। बारिश होने के कारण कीटनाशक का भी असर नहीं होता है।
Published on:
19 Mar 2024 12:22 pm
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