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दशहरा पर पंचक का साया, रावण के साथ पांच अन्य पुतले भी…जानें रावण दहन मुहूर्त

Dussehra 2023: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 14 मिनट तक है।    

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Dussehra 2023: Shadow of Panchak on Dussehra Bilaspur News

दशहरा पर पंचक का साया

बिलासपुर। Dussehra 2023: इस साल 2023 में विजयादशमी पर पंचक का साया रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी के अनुसार, अक्टूबर माह में पंचक की शुरुआत 24 अक्टूबर, मंगलवार की सुबह 4 बजकर 21 मिनट पर हो रही है, जो 28 अक्टूबर, शनिवार की सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी।

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 14 मिनट तक है। ऐसे में दशहरा का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। दशहरा पर पूरा दिन पंचक का साया रहने वाला है। दशहरा के दिन रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है। पंचक में अंतिम संस्कार आदि की मनाही होती है। ऐसे में अगर दशहरा के दिन रावण के पुतले का दहन करना अशुभ हो सकता है। ऐसे में पंचक के प्रभाव को कम करने और नुकसान से बचने के लिए रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों के अलावा 5 अन्य पुतले भी जलाने चाहिए। दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।

शस्त्र पूजन मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है. दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है. ऐसे में दशहरे के दिन यानी 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 1.58 बजे से दोपहर 2.43 बजे तक रहेगा।

रावण दहन मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है. पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है. विजयदशमी के दिन यानी 24 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05.43 बजे से लेकर ढाई घंटे तक होगा। पंचक से बचने पांच अन्य पुतले भी जलाएं।

बन रहे दो शुभ योग...

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल दशहरा पर्व पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन रवि योग सुबह 06.27 बजे से दोपहर 03.38 बजे तक रहेगा। इसके बाद शाम 6.38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06.28 मिनट तक यह योग रहेगा। वहीं, दशहरा पर वृद्धि योग दोपहर 03.40 बजे से शुरू होकर पूरी रात रहेगा।

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